क्रिकेट पहली बार 2010 में एशियाई खेलों में एक पदक खेल बन गया. इसे 2018 एशियाई खेलों में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस साल यह वापसी करने के लिए तैयार है और भारतीय क्रिकेट टीमें पहली बार एशियाई खेलों में खेल रही हैं.
देविका वैद्य - क्रिकेट अगेंस्ट औल ओड्स
यह वर्ष 2003 है और पुरुष क्रिकेट विश्वकप का है फाइनल टैलीविजन पर चल रहा है. 6 साल की देविका वैद्य और उनका परिवार भारत की जीत की कामना करते हुए टैलीविजन स्क्रीन से चिपके हुए हैं. रोमांचक मुकाबले के अंत में आस्ट्रेलियाई टीम को विजेता घोषित किया गया. युवा देविका को यह समझ नहीं आया कि खेल के क्या नियम हैं या विजेता का निर्णय कैसे किया जाता है. लेकिन आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को जश्न मनाते हुए और अपने परिवार के निराश चेहरों को देख कर वह समझ गई कि हार और जीत का एहसास क्या होता है और वह इस बात से आश्चर्यचकित थी कि क्रिकेट विभिन्न भावनाओं को कैसे सामने ला सकता है, "यह वह दिन था जब मैं ने निर्णय किया था कि मैं क्रिकेट खेलना चाहता था," 26 वर्षीय क्रिकेट औलराउंडर ने पुणे से यह कहते हुए कहा.
एक चुनौतीपूर्ण पारी
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मजेदार विज्ञान - रंगीन प्रसार
आइए, रंगीन कणों का अनुसरण करें, जब वे चारों ओर घूमते हैं.
हैलो एलियन
जैनी को रात में आकाश देखना और यह कल्पना करना पसंद था कि एलियन कैसे होते हैं...
नक्शा कहां गया
सुबह-सुबह जासूस शरलौक कुत्ता अपने जासूस दोस्त डा. वाटसन बिल्ला, जो 'द जंगल टाइम्स' पढ़ रहा था, उस के साथ नाश्ते में आलू के परांठे का आनंद ले रहा था...
कुकी को वोट दें
चितवन स्कूल के विद्यार्थी नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. उनके नेता कुकी ने मुसकराते हुए जुलूस का नेतृत्व किया. उन के दोस्तों ने गर्व से नारे और टैग वाली तख्तियां तथा बैनर पकड़े थे, 'बहादुर कुकी,' 'ईमानदार कुकी,' 'डायनामिक कुकी,' और 'कुकी को वोट दें.'...
एलियन का रहस्य
रोये मुर्गा घबरा कर जोय खरगोश के पास पहुंचा जो मुर्गा-मुर्गी कालोनी से जा रहा था...
भुतहा कमरा
'मैं काफी थक गया हूं. मुझे थोड़ा शिकंजी पीने दो, उसके बाद काम करूंगा,' जंपी बंदर बाजार से घर लौटते हुए बुदबुदाया...
जंगल में क्रिकेट का बुखार
वुडीवुड्स जंगल का राजा श्याम सिंह शेर आलस से अंगूर खा रहा था, तभी शाही डाक आ गई. श्याम सिंह ने जंगल क्रिकेट एसोसिएशन बोर्ड के लिफाफे को घूरकर देखा..
नन्हा खरगोश
अपनी दीदी दीप्ति व मम्मीपापा के साथ 5 वर्षीय भावित पिकनिक मनाने गया. उन्होंने साथ में खानेपीने व खेलने का सामान लिया और अपनी कार से शहर से बाहर एक झील के किनारे जा पहुंचे.
रहस्यमय रास्ता
एक समय की बात है, गारो घाटी में एक छोटा सा गांव था. वह पहाड़ियों और घुमावदार नदी से घिरा हुआ था. वहां दो दोस्त मोहित और रोशन रहते थे. मोहित के भूरे घुंघराले बाल और काली चमकदार आंखें थीं. उसे पढ़ना काफी पसंद था. रोशन को बाहर रहना और प्रकृति का आनंद लेना पसंद था. वे दोनों 7 साल के थे और अपने आसपास की दुनिया का पता लगाना पसंद करते थे.
जिफ्फी ने डाला वोट
डेरी हिरण अपने स्कूटर् से जा रहा था तो रास्ते में उसकी मुलाकात जिफ्फी बंदर से हुई. “जिफ्फी, तुम सजधज कर कहां जा रहे हो?\" डेरी ने अपना स्कूटर रोक कर पूछा.