रमेश वर्मा जब सुबह अपने खेत पर स्थित बकरी फार्म पर गए तो देखा कि अलाव के पास कोयला जैसी जली एक लाश पड़ी हुई है. उनके बेटे विक्रांत की बाइक भी वहीं खड़ी थी. उस का जला हुआ मोबाइल फोन भी वहीं लाश के पास ही पड़ा था. इस आशंका से कि लाश उन के बेटे विक्रांत की तो नहीं है, उन के होश उड़ गए. रमेश वर्मा ने तुरंत घर फोन किया.
परिवार के अन्य लोग भी वहां आ गए. बड़े बेटे को भी सूचना दी गई. बाइक, मोबाइल और कपड़ों के जले हुए अंश से लाश की पहचान घर वालों ने 25 वर्षीय विक्रांत वर्मा के रूप में कर ली. देखते ही देखते खबर पूरे गांव में फैल गई. पुलिस को सूचना दी गई. सुलतानपुर के कोतवाली देहात की पुलिस मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया.
उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर के गांव दुबेपुर में 25 वर्षीय विक्रांत वर्मा पत्नी और 2 जुड़वां बेटियों के साथ रहता था. वैसे उस के पास खेती की जो जमीन थी, उस से गुजारे भर पैदावार हो जाती थी, लेकिन विक्रांत और वह उस की पत्नी को उस से तसल्ली नहीं थी. ऐसी आमदनी चाहते थे, जिस से उन के पास भी भरपूर पैसा और आधुनिक सुखसुविधाओं के सारे साधन हों. दोनों इस पर विचारविमर्श भी करते रहते थे.
विक्रांत ने आमदनी बढ़ाने का जतन शुरू किया. उस ने बैंक से लोन ले कर पहले मुरगी पालन का काम किया. काफी मेहनत और लगन के बाद भी विक्रांत को मुरगी पालन में सफलता नहीं मिली. मुरगियों में बीमारियां लग गईं.
Diese Geschichte stammt aus der May 2024-Ausgabe von Manohar Kahaniyan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der May 2024-Ausgabe von Manohar Kahaniyan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
राजा की मोहब्बत का साइड इफेक्ट
इंदौर के राजा तुकोजीराव होल्कर ने नर्तकी मुमताज से विवाह जरूर कर लिया था, लेकिन मुमताज उन्हें छोड़ कर चली गई और मुंबई के व्यवसाई अब्दुल कादिर बावला के साथ रहने लगी. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि कादिर बावला का मर्डर हो गया और राजा होल्कर को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा?
अपनी मौत की खूनी स्क्रिप्ट
विक्रांत वर्मा ने खुद को मरा दिखाने के लिए एक अनजान व्यक्ति को छक कर शराब पिलाई. फिर अपने बकरी फार्म में उसे जिंदा जला दिया. ताज्जुब की बात यह कि रमेश वर्मा ने भी उस लाश की शिनाख्त अपने बेटे विक्रांत वर्मा के रूप में कर ली. आखिर विक्रांत ने क्यों लिखी अपनी ही मौत की यह खूनी स्क्रिप्ट?
राघव मगुंटा रेड्डी को मिला वफादारी का इनाम
शराब किंग के नाम से मशहूर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी का बेटा राघव मगुंटा रेड्डी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी था. ईडी ने उसे अपने शिकंजे में ले लिया था. फिर ईडी की जांच के दौरान ही ऐसा क्या हुआ कि राघव इस मामले कि राघव इस मामले में खलनायक से नायक बन गया?
एसआई भरती घोटाला वरदी उतरी, रौब गया मिली जेल
टीचर भरती में धांधली के बाद राजस्थान में फरजीवाड़ा कर नौकरी कर रहे थानेदारों की धड़ाधड़ गिरफ्तारी से तब हड़कंप मच गया, जब 10 साल बाद उन की परीक्षा के पेपर लीक की पोल खुली. 3 दरजन से अधिक थानेदारों की वरदी उतर गई, जेल हुई और 300 से अधिक जांच एजेंसी के रडार पर आ गए. आप भी जानें कि आखिर कैसे चला यह गोरखधंधा?
खलनायक से नायक बना विजय नायर
विजय नायर का आम आदमी पार्टी से गहरा लगाव रहा है. वह पार्टी के लिए फंड की व्यवस्था करता था. कथित शराब घोटाले में उस का नाम खलनायक के रूप में उभरा तो सभी चौंक गए. तभी ईडी ने उसे कौन सी घुट्टी पिलाई कि वह खलनायक से नायक बन गया.
ईडी और सीबीआई के निशाने पर विपक्ष ही क्यों
केंद्रीय जांच एजेंसियों को 'पिंजरे का तोता' बना कर रखने के आरोप पूर्व सरकार पर लगते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने तो इन एजेंसियों को अपना सियासी हित साधने का जरिया ही बना लिया है.. ताज्जुब की बात यह है कि विपक्षी पार्टियों के दागदार नेता बीजेपी की वाशिंग मशीन में जाते ही पाकसाफ हो रहे हैं. आखिर कैसे?
चंदे का धंधा 'इलेक्टोरल बौंड' क्यों फैला यह वायरस
केंद्र सरकार ने चुनावी फंड इकट्ठा करने के लिए इलेक्टोरल बौंड नाम का वायरस पैदा किया. इस का सब से ज्यादा फायदा बीजेपी को ही हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस वायरस पर ऐसा हथौड़ा चलाया कि....
साइबर ठगी का नया तरीका औनलाइन अरेस्टिंग
साइबर ठगों ने अब नए तरीके से उच्चशिक्षित लोगों को ठगना शुरू कर दिया है. वह पहले एक योजना के तहत शिकार को औनलाइन अरेस्ट कर लेते हैं. इस के बाद शिकार खुद ठगों के खातों में लाखों रुपए बड़ी आसानी से ट्रांसफर कर देता है. आप भी जानें कि क्या है औनलाइन अरेस्टिंग और इस से कैसे बचा जा सकता है?
सैंटियागो मार्टिन दिहाड़ी मजदूर से कैसे बना लौटरी किंग
सोशल मीडिया पर आजकल एक नाम बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है और वह है लौटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का. सब से अधिक चुनावी बौंड खरीदने वाला एक दिहाड़ी मजदूर मार्टिन आखिर कैसे बना लौटरी किंग?
दिल्ली शराब घोटाला पलटते गवाहों के दम पर गिरफ्तारियां क्यों
पिछले सवा साल से भाजपा दिल्ली शराब घोटाले का राग अलाप रही है. सीबीआई और ईडी भी इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं, लेकिन वह अभी तक यह पता नहीं लगा पाई हैं कि घोटाला कितने रुपए का हुआ और घोटाले का पैसा किस खाते से आया, किस खाते में गया. गिरगिट की तरह रंग बदलते गवाहों के बयानों पर आखिर क्यों हो रही हैं धड़ाधड़ गिरफ्तारियां?