Sarita - October Second 2024Add to Favorites

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For more than 6 decades, Sarita has been one of the most trusted voices of social change.. The magazine features insightful commentary on social and political issues, thoughtful and entertaining fiction, as well as a distinctive mix of articles on subjects ranging from economy, travel, health, poetry, life and entertainment. It has remained one of most widely read Hindi magazines over the last seven decades

पूजापाठ से नहीं धनधान्य मेहनत से मिलता है

पैसा मेहनत की फसल है, जिसे भाग्यवादियों ने पूजाघरों में खो दिया है. आज के तकनीकी युग में भी लोग किस्मत और भगवान भरोसे बैठे रहते हैं. पूजापाठ और कर्मकांड से अमीर बनने की उम्मीद उन्हें आलसी और नकारा ही बना रही है जबकि दौलत आरती की थालियों और घंटियों की गूंज से नहीं आती.

पूजापाठ से नहीं धनधान्य मेहनत से मिलता है

10+ mins

दिखावा कल्चर ने त्योहारों की असली खुशियां छीन लीं

पहले दीवाली पर घर में बनी मिठाइयां और पकवान जब दूसरों के घरों में जाते थे और उन पर तारीफें आती थीं तो मम्मी के चेहरे पर जो खुशी व रौनक होती थी, उस के आगे दीयों की रोशनी भी फीकी लगती थी, पर अब सबकुछ रेडीमेड है.

दिखावा कल्चर ने त्योहारों की असली खुशियां छीन लीं

5 mins

इस दीवाली खुद चमकाएं अपना घर

दीवाली पर घर की सफाई हर साल की तरह एक बड़ी चुनौती बन जाती है लेकिन इस बार क्यों न इसे एक खास अवसर में बदलें, क्यों न घर को पूरी फैमिली के साथ मिल कर चमकाएं, इस से न केवल सफाई जल्दी होगी बल्कि परिवार के साथ बिताए पलों की खुशियां भी दोगुनी हो जाएंगी.

इस दीवाली खुद चमकाएं अपना घर

10+ mins

क्यों फीकी हो रही फिल्मी और आम लोगों की दीवाली

फिल्मों की दीवाली अब पहले जैसी नहीं रही. दीवाली का त्योहार अब बड़े बजट की फिल्मों के लिए कलैक्शन का दिन भी नहीं रहा. इस मौके पर फिल्में आती तो हैं लेकिन बुरी तरह पिट जाती हैं. फिल्मी हस्तियों व आम लोगों के लिए दीवाली फीकी होती जा रही है.

क्यों फीकी हो रही फिल्मी और आम लोगों की दीवाली

8 mins

सांपसीढ़ी की तरह है धर्म और धर्मनिरपेक्षता की जंग

हरियाणा और जम्मूकश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे बताते हैं कि धर्म और धर्मनिरपेक्षता के बीच जंग आसान नहीं है. दोनों के बीच सांपसीढ़ी का खेल चलता रहता है.

सांपसीढ़ी की तरह है धर्म और धर्मनिरपेक्षता की जंग

8 mins

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानूनों में 2-3 ने ही सामाजिक परिदृश्य को बदला. राजीव गांधी को सामाजिक मामलों की ज्यादा चिंता नहीं थी, यह साफ है.

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

8 mins

आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण को मंजूरी दे दी है, जिस के तहत सरकारों को अब एससी और एसटी आरक्षण के भीतर भी आरक्षण देने की छूट होगी. इस फैसले ने आरक्षण की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. इस से जाति आधारित आरक्षण की मांग और भी जटिल हो जाएगी, जिस से देश में नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है.

आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?

10 mins

प्रसाद पर फसाद

प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.

प्रसाद पर फसाद

7 mins

डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई

आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.

डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई

3 mins

जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष

जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.

जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष

7 mins

सुनें दिल की धड़कन

सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द या बेचैनी महसूस हो, तो फौरन कार्डियोलोजिस्ट से हृदय की जांच करानी चाहिए क्योंकि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है.

सुनें दिल की धड़कन

5 mins

शादी से पहले खुल कर करें बात

पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.

शादी से पहले खुल कर करें बात

6 mins

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Sarita Magazine Description:

YayıncıDelhi Press

kategoriNews

DilHindi

SıklıkFortnightly

Sarita Magazine is a fortnightly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It was first published in 1945. The magazine targets women, and embodies the ideology of social and familial reconstruction.

Sarita Magazine is known for its wide range of content, including:

* Family stories: Sarita Magazine features stories about family relationships, including parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Social issues: Sarita Magazine also covers a variety of social issues, such as gender equality, women's empowerment, and child welfare.
* Culture and tradition: Sarita Magazine also features articles on Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Health and lifestyle: Sarita Magazine also covers health and lifestyle topics, such as nutrition, fitness, and beauty.
* Fashion and entertainment: Sarita Magazine also features articles on fashion and entertainment, including the latest trends in clothing, movies, and music.

Sarita Magazine is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, society, culture, health, lifestyle, fashion, and entertainment. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.

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