Akhand Gyan - Hindi Magazine - July 2020Add to Favorites

Akhand Gyan - Hindi Magazine - July 2020Add to Favorites

Go Unlimited with Magzter GOLD

Read Akhand Gyan - Hindi along with 9,000+ other magazines & newspapers with just one subscription  View catalog

1 Month $9.99

1 Year$99.99 $49.99

$4/month

Save 50%
Hurry, Offer Ends in 18 Days
(OR)

Subscribe only to Akhand Gyan - Hindi

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Gift Akhand Gyan - Hindi

In this issue

Akhand Gyan Hindi July 2020

कौन उठा सकता है भगवान आशुतोष को समाधि से ?

वक्त है आया ऐतिहासिक वीरों जैसे बलिदान का, कार्य क्षेत्र में ध्यान रहा है जिन्हें गुरु के मान का। भक्ति भाव से ओत-प्रोत हो कुछ तो ऐसा कर जाएँ, सच्चे शिष्य बनकर के हम विजय पताका लहराएँ।

कौन उठा सकता है भगवान आशुतोष को समाधि से ?

1 min

श्री आशुतोषाय नम :

कल्पना कीजिए एक ऐसी स्थिति की, जब आपके तन का रोम-रोम दर्द से कराह रहा हो! मन का मनका-मनका बिखरा हो! श्वासें उखड़ी-उखड़ी सी हों! विचारों में झंझावात उठा हो! हृदय में टीस हो!

श्री आशुतोषाय नम :

1 min

हे अंतर्यामी आशुतोष! आपको शत-शत नमन!

तुझसे भला क्या छिप पाएगा, तुम तो अंतर्यामी हो, बिन माँगे सब देने वाले, तुम तो प्रभु महादानी हो। अपनापन तेरे जैसा कहीं और नहीं मिल पाएगा, तेरे निश्छल स्नेह को पाकर जीने का ढंग आएगा।

हे अंतर्यामी आशुतोष! आपको शत-शत नमन!

1 min

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा क्यों कहते हैं।

शताब्दियों पूर्व, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास जी का अवतरण हुआ था। वही वेद व्यास जी, जिन्होंने वैदिक ऋचाओं का संकलन कर चार वेदों के रूप में वर्गीकरण किया था। 18 पुराणों, 18 उप-पुराणों, ब्रह्मसूत्र, महाभारत आदि अतुलनीय ग्रंथों की रचना करने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है।

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा क्यों कहते हैं।

1 min

साधक उपनिषद्र

समाधान प्रदाता

साधक उपनिषद्र

1 min

एक शाम सद्रगरु के नाम...

.बंगाल का 'छोटो मोशाय' (Little Sir) आगे चलकर इतना 'बड़ा' हो जाएगा कि विश्व उसे योगानंद परमहंस के नाम से जानेगा- किसी ने सोचा तक नहीं था। सिवाय उनके गुरु युक्तेश्वर गिरि जी के।

एक शाम सद्रगरु के नाम...

1 min

Read all stories from Akhand Gyan - Hindi

Akhand Gyan - Hindi Magazine Description:

PublisherDivya Jyoti Foundation

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Akhand Gyan is a monthly spiritual magazine of Divya Jyoti Jagrati Sansthan. With a new rainbow collection every month, it encapsulates more than 60 versatile shades of write-ups, such as: Corporate Spirituality, Personality Bytes, Healing Herbs, Vedic-o-logy, Grooming Relationships, Self-Analysis Zone, Kindergarten, and many more. It provides deep insight into the solutions of problems prevailing in life and society today, with a comprehensive outlook from spiritual, scientific and philosophical perspectives. Akhand Gyan is available in three languages: English, Hindi and Punjabi, all with unique and inspirational contents.

  • cancel anytimeCancel Anytime [ No Commitments ]
  • digital onlyDigital Only