Shaikshanik Sandarbh Magazine - January - February 2022
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In this issue
Sandarbh issue no 138, January - February 2022
रूपान्तरण का अद्भुत महारथी एक ऑक्टोपस
दुनिया टनिया भर के तमाम जीव इसी में उनकी वंश वृद्धि कैसे हो।
1 min
हम और हमारे विज्ञान समझाने के मॉडल
अक्सर हम विज्ञान की अमूर्त अवधारणाओं को समझाने के लिए मॉडल या सरलीकृत प्रयोगों का सहारा लेते हैं। अगर उनकी सीमाओं को रेखांकित न किया जाए और उनकी सशक्त तार्किक बुनियाद न हो, तो यह ढाँचा कभी भी ध्वस्त हो सकता है। प्रकाश के मॉड्यूल में दिए गए एक प्रयोग की विस्तृत समीक्षा करते हुए लेखक ने इस समस्या को उजागर करने की कोशिश की है।
1 min
जमावट
बाग में स्कूल के बच्चों को देखकर, बकरी चरा रहा बच्चा उनकी ओर टकटकी लगाए हुए था।
1 min
जन्तुओं में जनन संवाद की सम्भावनाएँ
धरातलीय वास्तविकता में, अमूमन ‘जन्तुओं में जनन' जैसे अहम विषय पाठ्यचर्या का हिस्सा होते हुए भी, कक्षा में संवाद का हिस्सा नहीं बन पाते। जहाँ एक ओर, शिक्षार्थियों के लिए, इन विषयों को पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़कर सामाजिक परिवेशों से जोड़कर समझने की ज़रूरत है, वहीं कक्षा-कक्ष में शिक्षक इन्हें पढ़ाने से भी हिचकते हैं। ऐसे में, कक्षा में संवाद की क्या अहमियत उभरती है? शिक्षक किन कारणों से खुलकर इन विषयों का शिक्षण नहीं कर पाते? ऐसे सवालों और इनसे जुड़े सामाजिक मुद्दों पर रोशनी डालता है यह लेख।
1 min
उच्च प्राथमिक कक्षाओं में हिन्दी शिक्षण कुछ अनुभव
प्राथमिक कक्षाओं में भाषा पढ़ाने के नज़रिए एवं विधियों के बारे में करीब डेढ़ दशक से काफी चर्चा होती रही है लेकिन उच्च प्राथमिक कक्षाओं में भाषा पर किस नज़रिए से व कैसे काम करें, इस पर विमर्श कम ही दिखाई पड़ता है।
1 min
कला शिक्षा की बुनियाद
“बच्चे की कला में सबसे सुन्दर उसकी ‘गलतियाँ होती हैं। जितनी अधिक मात्रा में ये गलतियाँ होती हैं, उतना ही आकर्षक उसका काम होता है। जितना ही उसका शिक्षक उन्हें हटाने की कोशिश करता है, उतना ही बच्चे का काम फीका, निर्धन और व्यक्तित्वहीन हो जाता है।" - फ्रांज़ सिज़ेक
1 min
Shaikshanik Sandarbh Magazine Description:
Publisher: Eklavya
Category: Education
Language: Hindi
Frequency: Bi-Monthly
A bimonthly magazine for school teachers on science and education, Sandarbh means ‘context’, and carries articles on various topics in Science and Education. These articles are meant to be a resource primarily for middle and high school teachers and students, who teach and learn in Hindi. The articles are usually in an informal style, and as far as possible are free of jargon. The magazine also serves as a means of communication between teachers across the country who write about their classroom experiences, activities and experiments that have worked and failed. Articles submitted to Sandarbh are often in Hindi, though many of them are in English and other languages as well, and are translated for publication.
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