Kadambini Magazine - March 2020Add to Favorites

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In this issue

Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

रंग लगाने गया था लेकिन...

होली उसी के साथ खेली जाती है जिससे मजाक का रिश्ता हो। चाहे नेता हो, चाहे पुलिस या न्यायपालिका या फिर बैंक ही क्यों न हों, आजकल सब जनता से ही मजाक कर रहे हैं। जनता इन्हें रंग भी लगाना चाहे, तो ये उसे चूना लगा देते हैं

रंग लगाने गया था लेकिन...

1 min

जोगीरा सा रा रा रा...

बिना गीत-संगीत के होली भी क्या होली है! भारतीय संगीत चाहे वह लोकसंगीत हो या शास्त्रीय, होली के रंग में रंगा हुआ है। देशकाल के हिसाब से बोल जरूर कुछ बदल जाते हैं, लेकिन राग और ताल वही रहते हैं। वक्त कितना ही बदला हो, होली गीतों की आत्मा नहीं बदली

जोगीरा सा रा रा रा...

1 min

होली के रंग दुनिया के संग

होली अब सिर्फ भारतीय पर्व नहीं रहा, बल्कि दुनिया में भारतीय जहां-जहां गए उनके साथ होली भी चलती चली गई। सबसे पहले गिरमिटियों के जरिये, फिर प्रवासी भारतीयों के जरिये। बेशक, देशकाल के हिसाब से उसका रूप-रंग थोड़ा बदला, लेकिन फगुआ राग नहीं

होली के रंग दुनिया के संग

10+ mins

रंग और समाज

होली भी अब दिखावे की हो गई है। लोग रंग लगा रहे हैं तो लगा लो, हंस रहे हैं तो हंस लो, भले ही आपको रंग और हंसी बिल्कुल पसंद नहीं। कई कवियों की कविताएं तो रंग और बसंत से सराबोर रहती हैं, लेकिन जीवन में नरंग होता है न बसंत

रंग और समाज

1 min

...ताकि हम दूर-दूर न बैठे

होली एक बहिर्मुखी पर्व है। यह लोगों को जोड़ता है। होली के दिन सभी अपना वैरभाव भुलाकर गले लग जाते हैं। कलाकारों का तो काम ही है लोगों को जोड़ना। एक कलाकार की होली लोगों को जोड़ने और नफरत तोड़ने से ही होती है

...ताकि हम दूर-दूर न बैठे

1 min

रंग से रंग लगाना...

मन में जब उदासी और उमंग के भाव एक साथ आने लगें तो समझो वसंत आ गया है। सुनने में बड़ा अजीब लगेगा कि मन में उदासी और उमंग एक साथ कैसे हो सकते हैं?

रंग से रंग लगाना...

1 min

हर रंग जुदा-जुदा

होली एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जो लोगों को आपस में जोड़ने का संदेश देता है। यही हमारे संविधान की मूल आत्मा है। आज जब समाज को तोड़ने की कोशिशें तेज हो रही हैं तब इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है। अनायास नहीं कि गंगा-जमुना के इलाके का यह त्योहार अब धीरे- धीरे अंतरराष्ट्रीय होता जा रहा है .

हर रंग जुदा-जुदा

1 min

बनारस की होली नहीं भूलता

बनारस मस्ती का शहर है और होली मस्ती का त्योहार। शास्त्रीय संगीत की इसकी परंपरा तो अतुलनीय है ही। जब भी बनारसी होली का जिक्र आता है तो राग बसंत और बसंत बहार अपने आप चला आता है

बनारस की होली नहीं भूलता

1 min

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Kadambini Magazine Description:

PublisherHT Digital Streams Ltd.

CategoryCulture

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

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