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In this issue
1. शिक्षा तो तुम स्वयं ही अपने को दोगे : विवेकानन्द ३९०
2. गाजीपुर की अध्यात्म-त्रिवेणी में श्रीरामकृष्ण, स्वामी विवेकानन्द और पवहारी बाबा
(स्वामी अलोकानन्द) ३९३
3. (बच्चों का आंगन) अनमोल शिक्षक सुजीत (श्रीमती मिताली सिंह) ३९८
4. भारतीय वास्तुकला में मन्दिरों का महत्त्व (डॉ. अर्पिता चटर्जी) ४०३
5. (युवा प्रांगण) नशे के सेवन से बचें – युवाओं के लिए एक मार्गदर्शिका (स्वामी गुणदानन्द) ४०७
6. गुरुकुल परम्परा का पुनर्जागरण (डॉ. राधिका चन्द्राकार) ४०९
7. भगवान की योजना से विवेकानन्द शिकागो में गये (स्वामी सत्यरूपानन्द) ४११
8. शिक्षा के दो पहलू – प्रतिभा-पोषण और चरित्र-निर्माण (स्वामी आत्मश्रद्धानन्द) ४१४
Vivek Jyoti Magazine Description:
Publisher: Ramakrishna Mission, Raipur
Category: Religious & Spiritual
Language: Hindi
Frequency: Monthly
भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।
आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।
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