Vivek Jyoti - June 2023
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في هذه القضية
1. मन की एकाग्रता को योग कहते हैं : विवेकानन्द ३१८
2. माहेश की रथयात्रा और श्रीरामकृष्ण (स्वामी तन्निष्ठानन्द) ३२१
3. अध्यात्म रामायण में भगवान श्रीराम की स्तुति (अरुण चूड़ीवाल) ३२४
4. (बच्चों का आंगन) योग से बच्चों का सर्वांगीण विकास (श्रीमती मिताली सिंह) ३२७
5. रामकृष्ण संघ : एक विहंगम दृष्टि (स्वामी पररूपानन्द) ३२८
6. हे प्रभु, हमारा जिसमें मंगल हो वही करो ! (स्वामी सत्यरूपानन्द) ३३६
7. (युवा प्रांगण) युवा-जीवन में सत्संग का प्रभाव (रीता घोष) ३३७
8. योग के सभी आयामों की प्रकाशक है गीता (स्वामी गोविन्ददेव गिरि) ३४०
Vivek Jyoti Magazine Description:
الناشر: Ramakrishna Mission, Raipur
فئة: Religious & Spiritual
لغة: Hindi
تكرار: Monthly
भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।
आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।
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