Uday India Hindi - July 25, 2021
Uday India Hindi - July 25, 2021
انطلق بلا حدود مع Magzter GOLD
اقرأ Uday India Hindi بالإضافة إلى 9,000+ المجلات والصحف الأخرى باشتراك واحد فقط عرض الكتالوج
1 شهر $9.99
1 سنة$99.99 $49.99
$4/ شهر
اشترك فقط في Uday India Hindi
شراء هذه القضية $0.99
Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.
في هذه القضية
July 25, 2021
केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल के निहितार्थ
मंत्रिपरिषद में शामिल लोगों के जातीय और धार्मिक आधार को देखें तो स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा है। मौजूदा मंत्रिपरिषद में सबसे ज्यादा अन्य पिछड़ी जातियों के 27 मंत्री शामिल किए गए हैं। कभी जिस अन्य पिछड़े वर्ग के मतों पर जनता परिवार और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले दल अपना हक मानते थे, उस आधार में भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त सेंध लगाई है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यादव समुदाय को छोड़ दें तो तकरीबन समूचे अन्य पिछड़े वर्ग पर भाजपा का जादू चल रहा है। अगले चुनावों में यह जादू बरकरार रह सके, इसलिए इस वर्ग को तवज्जो देना भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी ही नहीं, जरूरत भी है। इसीलिए इस वर्ग के पांच लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
1 min
कैबिनेट विस्तार: खुले संभावनाओं के द्वार
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अधिकांश मंत्री अपना पदभार ग्रहण करके काम में लग गए। दरअसल, नए मंत्रियों में एक संदेश अच्छे से गया है कि जब धुरंधर किस्म के मंत्री खराब परफॉर्मेंस पर निपटा दिए जाते हैं, तो उनकी क्या बिसात? स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार की अगुवाई करने वाले सभी मंत्रियों को एक ही झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उनके सिवाए दूसरे दर्जन भर मंत्रियों को भी उनके औसत परफॉमेंस पर छुट्टी दे दी।
1 min
इस्लामिक देशों में बदलाव की बयार
आश्चर्य है कि जो इस्लाम विज्ञान एवं तकनीक को लगभग अस्पृश्य-सा समझता है, साहित्य, संगीत, कला और अभिव्यक्ति पर तमाम प्रकार के पहरे लगाता है, वह नमाज एवं अजान के लिए वैज्ञानिक उपकरणों एवं अविष्कारों के प्रयोग से परहेज नहीं करता! असली तार्किकता एवं वैज्ञानिकता समय के साथ चलने में है। यह सऊदी अरब की सरकार का बिलकुल उचित एवं समयानुकूल फैसला है कि एक निश्चित समय के बाद एवं निश्चित ध्वनि से ऊंची आवाज में मस्जिदों पर लाउडस्पीकर न बजाया जाय।
1 min
जनसंख्या विस्फोट पर लगे लगाम
सारा विश्व आज बढ़ती हुई जनसंख्या से अत्यधिक चिंतित है। प्रकृति और देश के संसाधन सीमित होते हैं और जनसंख्या वृद्धि से उन पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, उनका अत्यधिक दोहन होता है। पूरे विश्व में भारत जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे नंबर पर आता है। पहले नंबर पर चीन है, किंतु कुछ रिपोर्टों से आशंका जताई गई है कि अगले कुछ वर्षों में भारत जनसंख्या की दृष्टि से चीन को भी पछाड़ देगा। यह बहुत ही चिंतनीय विषय है।
1 min
कब तक दहेज की आग में जलती रहेंगी बेटियां?
भारत में दहेज हत्या और दहेज के मामलों के खिलाफ सशक्त कानून मौजूद हैं। जरूरत इस बात की है कि दहेज दोषियों को इन कानूनों की गिरफ्त मे लाया जाये। इन कानूनों को जो लोग अमल में लाते हैं पुलिस, प्रशासन व न्यायलय के कर्मचारी व अधिकारी, उन्हें दहेज समस्या और दहेज पीड़ितों के प्रति संवेदनशील बनाया जाये। अगर वे दहेज पीड़ित महिला की फरियाद को आम प्रकरण के रूप मे लेते हैं और काम-टालू तरीके से उस पर कार्यवाही करते हैं या कार्यवाही करते समय अपना हित सामने रखते हैं और पीड़ित महिला व समाज के हित की उपेक्षा करते हैं तो कानून निष्प्रभावी सिद्ध होगे ही।
1 min
अश्वगंधा की खेती की ओर बढ़ा किसानों का रुझान
अश्वगंधा की खेती के लिए जरूरी है कि वर्षा होने से पहले खेत की दो-तीन बार जुताई कर लें। बुआई के समय मिट्टी को भुरभुरी बना दें। बुआई के समय वर्षा न हो रही हो तथा बीजों में अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी हो। वर्षा पर आधारित फसल को छिटकवां विधि से भी बोया जा सकता है।
1 min
प्राणवायु ही नहीं जीवन के आधार हैं वृक्ष
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है 'परि'+'आवरण'। 'परि' का अर्थ हैचारों ओर और 'आवरण' का अर्थ है-घेरा। वह घेरा जो हमारे चारों ओर व्याप्त है और जिसमें हम जन्मते, बढ़ते व जीवनयापन करते हैं, पर्यावरण कहलाता है। आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जिस तरह से और जिस स्तर पर किया जा रहा है, उससे पर्यावरण को निरंतर खतरा बढ़ता जा रहा है।
1 min
गांधीवाला उर्फ ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार
दिलीप साहब को पसंद किए जाने का सबसे बड़ा कारण यह था, कि उनके जीवन, और अदाकारी में अपना देश, इंसानियत, अदब के साथ एक अलग सा मुकम्मल लहजा भरा हुआ था। साहित्य में इसे ग्रेस फुलनेस के अलावा कुछ नहीं कह सकते। वो निकले थे, तो पेशावर से थे, मगर पता नहीं भारत के छोटे-छोटे गांव उनमें कहां से बस गए थे। कहीं कोई फुहड़ता नहीं, कभी वाचालता नहीं। आज अटलजी होते तो आडवाणीजी के साथ दिलीप साहब को यह कहकर बिदा देते, आ इस शजर से लिपटकर रो लें जरा, कि तेरे मेरे रास्ते यहां से जुदा होते हैं।
1 min
Uday India Hindi Magazine Description:
الناشر: uday india
فئة: News
لغة: Hindi
تكرار: Fortnightly
Uday India is successfully running in the 12th year of its existence. It is not a run-of-the-mill publication. Uday India does not fall as a thud on your doorstep but enters as a whiff of fresh air into reading corridors of the country. The weekly is based on the staple of news and current affairs. It focuses on politics, security, youth affairs, health, women, net space, diplomacy, media, economy, education, sports, showcasing the slow and steady march of India towards the goal of becoming a global power in every sense of the term. A new feather in the cap is spiritualism that has lately permeated every aspect of human endeavour. The cover story every week is spun out of the most current happening. There are for sure pages for book review and technological advancements. Apart from these building blocks, there are incessant efforts to customize the magazine to the taste of the reader. Its quality commensurates with the prolific promise.
- إلغاء في أي وقت [ لا التزامات ]
- رقمي فقط