CATEGORIES
فئات
मानव देह का महत्व और महिमा
किसी इंसान ने अच्छे कंडिशन की सेकंड हैंड कार खरीदी, यह सोचकर कि उससे रोज़ ऑफिस जाएगा और घर के ज़रूरी काम समय पर निपटाएगा।
मधुमेहियों को हृदय रोग का खतरा
हृदय रोग की बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण मधुमेह है।
मधुमेहियों , पैरों को सँभाले
मधुमेह के दीर्घकालीन दुष्परिणामों के कारण मज्जातंतु की कार्यक्षमता कम होती जाती है और व्याधि धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। उनकी तीब्रता जिस समय बढ़ती है उस समय मधुमेहियों के सामने बड़े सवाल आते हैं। शरीर के चेतासंस्था (Nervous System) के दो प्रकार हैं -
मधुमेह से सावधानी भली
मानवीय वृत्ति का वर्णन क्या करें, जो हर एक की भिन्न होती है किंतु यह कहना भी गलत ना होगा कि हर इंसान सोचता है, 'मुझे कोई बड़ी बीमारी नहीं हो सकती, मैं तो सामान्य जीवन व्यतीत करता हूँ,
वात व्याधि में लाभदायी योगासन
योग का संबंध मानव शरीर के समस्त अंगों से है, अतः इसके सतत् अभ्यास से शरीर सदैव स्वस्थ, निरोग एवं संपूर्ण दोषों से मुक्त रहता है। आयुर्वेद में महर्षि चरक ने योग के बारे में लिखा है-
शालास्सोथेरपी
इस थेरपी में चिकित्सा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए समुद्री वातावरण और समुद्री उत्पाद जैसे समुद्री जल, समुद्री मिट्टी, समुद्री शैवाल का उपयोग किया जाता है।
शीत ऋतु में आयुर्वेद से राहत
आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। करीब ५००० वर्षों से यह प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति रोगियों के इलाज में प्रयोग की जा रही है।
समय रहते न्यूमोनिया को पहचाने
२ वर्ष का मिहिर उस दिन बुखार में तपी अवस्था में जोरदार खाँसते हुए ही क्लिनीक में दाखिल हुआ । उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी, श्वासोच्छवास तीत्र गति से कर रहा था और थोड़ी तकलीफ में था। उसे जाँचने के बाद यह तो समझ में आ गया कि ये सारे न्यूमोनिया के लक्षण हैं इसलिए पक्का करने हेतू छाती का एक्स-रे लिया। उसे एडमिट कर तुरंत आगे के उपचार की शुरुआत की गई।
स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र - आहार व व्यायाम
ऊर्जा बनाने व बचाने की प्रणाली मानव शरीर में मौजूद होती है। हम सोते हैं, व्यायाम करते हैं, खाते हैं, पीते हैं ऊर्जा पाने के लिए। ज़ल्दी-ज़ल्दी थकान महसूस करने का मतलब है कि कुछ गंभीर कमी है, जिसका पता लगाना महत्वपूर्ण है।
मधुमेह में होमियोपैथी से राहत
आज के युग में मधुमेह ने एक मुख्य बीमारी का रूप धर लिया है। हर घर में एक न एक मधुमेह का रोगी पाया जाना आम बात हो गई है।
मधुमेह में चावल का प्रमाण
चावल एक ऐसा अनाज़ है जो पूरे विश्व में खाया जाता है। भारत में भी उत्तर, पश्चिम भारत को छोड़कर बाकी सभी प्रदेशों में यह खाया जानेवाला प्रमुख अनाज़ है।
मधुमेह पर नियत्रण हेतु घरेलू उपाय
आधुनिक युग में मधुमेह सर्वसामान्य रोग है। सभी आज-कल इस रोग से परिचित हैं। विश्व में मधुमेह के रोगियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों के परीक्षण के बाद देखा गया है कि यह रोग बुद्धिजीवी या अमीर लोगों को ही नहीं होता बल्कि गरीब तथा अल्प पोषणवाले लोगों को, बच्चों को भी हो रहा है।
मधुमेह कारण एवं लक्षण
आज के समय में मधुमेह होना बहुत आम बात है। जिस तरह आज-कल की जीवनशैली हो गई है उसमें मधुमेह बहुत तेज़ी से अपनी पकड़ बना रहा है। स्थिति यह है कि न सिर्फ अधिक उम्र के लोगों को बल्कि आज के समय में युवा और बच्चे भी मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं।
मधुमेह और योग - योग की सहायता ही जीवन की मधुरता
मधुमेह का कारण है खून में ग्लूकोज़' के स्तर में बढ़ोत्तरी होना। इस बढ़ोत्तरी के अनेक कारण हैं, किंतु परिणाम एक ही है।
मधुमेह आणि आहार
डायबेटिस किंवा मधुमेह ही भारतातली सर्वात जास्त आढक्ठणारी व्याधी आहे. कितीही व्याख्याने, शिबिरे, उपक्रम राबवले तरीही मधुमेहाच्या भरमसाठ व्याधीमुव्ठे ते अपुरेच पडते.
मधुमेंह का पंचकर्म उपचार
भारत देशाची नवी ओळख आपल्याला माहीत आहे का? भारत देशाची नवीन ओळख आहे मधुमेहाची राजधानी! आपला आहार, व्यायामाचा अभाव, बैठी जीवनशैली, तीव्र मानसिक ताणतणाव याची परिणती म्हणून मधुमेह! याखेरीज अनुवंशिकतेचा समृद्ध वारसा ! यामुळे भारत जगात सर्वात जास्त मधुमेही रग्ण असलेला देश गणला जातो आहे.
बच्चों का मधुमेह
बच्चों में दो प्रकार के मधुमेह पाए जाते हैं। एक होता है टाइप-१ (T1DM) और दूसरा टाइप-२ (T2DM)।
प्री डायबिटीज : सावधानी से मधुमेह दूर रखें
दुनियाभर में आधुनिक जीवनशैली और मिथ्याहार के कारण मधुमेही के रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसा अनुमान है कि २०२० तक भारत मधुमेह पीड़ित देशों में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका होगा।
दिवाळीचें पाच दिवस शरीर व मनःस्वास्थ्य यांकरिता
एकेकाठी महाराष्ट्रा घरोघरी सायंकाळी तुलसीबृंदावनापुढे दिव्याची पणती पेटवून, 'शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धनसंपदा। शत्रुबुद्धी विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते।।'
बच्चे और फिटनेस मोटापे से छुटकारा
वर्तमान युग में बच्चों में बढ़ता हुआ मोटापा चिंता का विषय बना हुआ है। बच्चों में स्थूलता आधुनिकता की देन है। इस चिंता से उभरने का सर्वोत्तम तरीका है कि बचपन से ही बच्चों के वज़न पर ध्यान दिया जाए। बच्चों में मोटापे को नियंत्रित करने का उत्तम तरीका है, उन्हें गलत जीवनशैली अपनाने से रोकना एवं सही मार्गदर्शन देना।
डायबिटीज को इन्सटंट ठीक करे :
नैचरल नाइट्रिक ऑक्साइड डाइट का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि इसका पालन करने से २४ से ४८ घंटे के भीतर ही यह रक्त शर्करा होमीओस्टेसस को सामान्य मानक में ले आती है।
कामकाजी व्यक्तियों का आहार कैसा हो?
रोजमरा की ज़िन्दगी में कामकाजी व्यक्तियों का आहार क्या - क्या होना चाहिए और कैसा ?
पैरो के दर्द पर होमिओपपैथी उपचार
पैरों के दर्द का कारण अक्सर पैरों की हड्डियों और मांसपेशियों से संबंधित होता है। कभी कभी गंभीर बीमारियों के दौरान पैरों के मज्जातंतुओं को हानि होती है।
जागरण विनाकारण
सध्या सर्व वयोगटांतील लोकांमध्ये विविध कारणांमुब्ठे जागरणाचे प्रमाण वाढत असलेले दिसत आहे. ही कारणे अनेकदा टाव्ठता येण्यासारखी असली, तरी आपल्याकडून त्याकडे दुर्लक्ष केले जाते.
गिलोंय - प्रकृति का एक चमत्कार
आधुनिक युग में कई जड़ी बूटियों का संशोधन हो चुका है। कुछ जड़ी बूटियाँ तो ऐसी हैं जो बहुत लाभदायक हैंव आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। उसी जड़ी बूटियों में से गिलोय भी एक है। यह बेल के रूप में पाई जाती है।
गर्भावस्था में डायबिटीज़ मेलीटस (जी.डी.एम.)
गर्भावस्था के दौरान यदि रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा हुआ हो तो उसे जी. डी. एम. की संज्ञा दी जाती है। यह समस्या आम तौर पर गर्भावस्था के पाँचवें सप्ताह में पाई जाती है। यह समस्या वैश्विक स्तर पर गंभीर रूप लेती जा रही है लेकिन भारतीय महिलाओं में यह समस्या अधिक पाई जाती है।
क्या आपका कनेक्शन सही है
क्या आपका कनेक्णन सही है तीन लोगों से सदा जुड़े रहें - सरश्री
आचार्य खिचड़ी
स्वाद की दुनिया से आचार्य खिचड़ी
अजीर्ण रोग का प्राकृतिक उपचार
अजीर्ण पाचन प्रणाली की गड़बड़ी से उत्पन्न प्रमुख उदर रोग है। इसे बदहजमी, अपच आदि भी कहते हैं। खाया हुआ खाना जब जीर्ण नहीं होता यानी बिना पचे रह जाता है तब अजीर्ण रोग की उत्पत्ति होती है। इस रोग में खट्टी डकार, पेट फूलना, जी मिचलाना, शरीर में भारीपन, पेटदर्द इत्यादि विकार उत्पन्न होते हैं ।
७ सूत्रों से हृदय स्वस्थ रखें
कल मैं अपने प्रिय रेस्तारों में चाय का मज़ा ले रही थी, तब वहाँ मुझे एक पुरानी सखी मिली। हमने अपने कॉलेज, विवाहित जीवन और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर बातचीत की। सखी ने प्रदूषण, भोज्य पदार्थों में मिलावट और घटते पोषक मूल्यों की चर्चा की। मैंने धैर्यपूर्वक उसका वार्तालाप सुना और अंत में उसकी ओर एक सवाल उछाला।