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पूरी दुनिया में पहुंचेगी पूर्वांचल की मिठास : योगी
मुंडेरवा व पिपराइच चीनी मिलों में सल्फर रहित प्लांट का सीएम ने किया लोकार्पण
एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रयास तेज
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रदेश के सरप्लस धान से एथेनॉल उत्पादन के लिए केन्द्र से अनुमति देने का अनुरोध किया है।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए, फेडरेशन मिलों की हुई समीक्षा
मुजफ्फरनगर स्थित दि गंगा किसान सहकारी चीनी मिल मोरना के अधिकारियों से प्रदेश के गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मिलों के कार्यकलापों की समीक्षा की।
किसानों की समृद्धि का साथी बनेगा एथेनॉल
भारत चीनी का एक बड़ा उत्पादक देश है। साथ ही हम बड़ी मात्रा में चीनी का निर्यात भी करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले ही इस पर 3,500 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है, जिससे इस वर्ष भी हम करीब 60 लाख टन चीनी का निर्यात कर पाएंगे। इस अनुदान से देश के लाखों गन्ना किसानों को फायदा होगा। सरकार गन्ना किसानों के लाभ के लिए कई कदम उठा रही है।
गन्ने की उपज में आठ किसानों ने रचा इतिहास
लखीमपुर जिले के पहली बार सफलता हासिल करने वाले आठ गन्ना किसान सम्मानित किए गए। जिन्होंने 18 से 20 फीट का गना उपजाकर सफलता की नई इबारत लिखी है। इसके साथ ही सह फसली खेती से अतिरिक्त आय हासिल की है।
वैश्विक बाजार में घटेंगी चीनी की कीमतें
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक राष्ट्र थाईलैंड में चीनी का उत्पादन लगभग 80-90 लाख टन कम हुआ है। इसलिए, भारत के पास मध्य पूर्व, श्रीलंका, बांग्लादेश, पूर्वी अफ्रीका आदि में अपने स्वयं के पारंपरिक बाजारों के अलावा इंडोनेशिया और मलेशिया को चीनी निर्यात करने का अवसर है। भारत के पास मार्च-अप्रैल 2021 तक चीनी, जब तक कि ब्राजील की चीनी बाजार में नहीं आ जाती, तब तक अनुबंध और निर्यात करने का एक अच्छा अवसर है।
गन्ना एवं चीनी उत्पादन में प्रदेश लगातार 3 वर्षों से देश में है अव्वल
राज्य सरकार गना किसानों की समृद्धि और चीनी उद्योग में स्थिरता लाये जाने की दिशा में पूर्ण कौशल और आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है।
जैविक खाद में प्रेसमड का उपयोग
खेती किसानी प्रमुख रूप से बीज, सिंचाई और उर्वरक पर आधारित होता है। यह तीनों ही तथ्य महत्वपूर्ण है। आज कल कृषि में उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण हो गई है।
पिछले और वर्तमान सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान के लिए बनायें दबाव
गन्ने के कैंसर कहे जाने वाले रेड रॉट रोग को प्रभावहीन करने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा वितरित किये जाने वाले गन्ना बीज को फफूंदनाशी दवा से उपचारित करने के बाद ही वितरित किया जायेगा। अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग श्री संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों तथा चीनी मिल प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक 7 फरवरी को लखनऊ में सम्पन्न हुई।
चीनी एमएसपी पर स्पष्टता की मांग
चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की घोषणा की खबरों के बीच बाजार में अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है। हालाँकि एमएसपी पर अभी तक इस पर कोई रुख साफ़ नहीं हुआ है। जिसके कारण बाजार में असमंजस का माहौल बना हुआ है।
सिरके से हर महीने दो लाख तक की कमाई
एक लीटर सिरका तैयार करने में 50 रुपये प्रति लीटर खर्च आता है और बिक्री की बात करे तो सौ रुपये लीटर में आराम से बिक्री हो जाती है। वह हर महीने लगभग 2000 लीटर सिरके का उत्पादन करते हैं। पृथ्वी पाल खुद ज्यादा नहीं पढ़ पाए, इस बात का मलाल उन्हें हमेशा रहता है।
गन्ने के साथ मीठी चरी की खेती से, दोगुनी होगी किसानों की आय
किसानों को दोगुनी आय, चीनी मिलों को अतिरिक्त मुनाफा और पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वीट सोरघम (मीठी चरी) को बड़ी मात्रा में उगाने की जरूरत है। इससे न सिर्फ चीनी मिलेगी, बल्कि एथनॉल भी प्राप्त हो सकेगा।
गन्ने की अधिक उपज के लिए अंतः कर्षण एवं फसल सुरक्षा प्रबंधन
उत्तर प्रदेश में किसानों का सबसे पसंदीदा नकदी फसल गन्ना है।
गन्ना क्षेत्रफल हुआ 27.16 लाख हेक्टेयर
पेराई सत्र 2020-21 में गन्ना उत्पादकता में बना रिकॉर्ड
गन्ने की फसल पर 10 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा मिलेगा एफआरपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीई) की बैठक में गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए गन्ने की एफआरपी (फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस) को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है।
देश से हुआ रिकार्ड चीनी निर्यात
कमजोर रुपये और सब्सिडी से एक्सपोर्ट को मजबूती
डिजिटल गन्ना पर्ची से बचेंगे नौ करोड़ और होगा पर्यावरण संरक्षण
प्रदेश में इस बार डिजिटल गन्ना पर्ची से पर्यावरण संरक्षण में इतिहास रचेगा। लॉकडाउन में शत प्रतिशत एसएमएस गना पर्ची का प्रयोग सफल होने पर गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग ने अब कागज पर गना पर्ची की छपाई को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
भारतीय चीनी उद्योग और इसकी बेहतर संभावनायें
पिछले कई वर्षों से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश होने के बाद, भारत पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। ब्राजील अपने गन्ने को एथेनॉल उत्पादन के लिए अधिक उपयोग कर रहा है।
एमएसपी क्या है? यह कैसे तय होता है?
इस कानून ने किसानों को कृषि सुधार बिल 2020 संसद से पास हो गया है इन बिलों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं।
किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए मिला तीन विकल्प तीस साल बाद खांडसारी उद्योग में आएगी जान
मुजफ्फरनगर में लगभग तीस साल बाद खांडसारी उद्योग गन्ना पेराई में सामने आ रहा है। क्रेशर के माध्यम से अगले सत्र में प्रतिदिन 47 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई होगी। यह पेराई एक चीनी मिल की पेराई के बराबर होगी। तीस साल पहले गन्ना पेराई का सबसे बड़ा साधन क्रेशर ही थे।
चीनी उत्पादन घटायें और एथेनॉल उत्पादन बढ़ायें
महाराष्ट्र में चीनी उद्योग के एक शीर्ष संगठन ने अधिशेष भंडार को देखते हुए चीनी मिलों से चीनी का उत्पादन कम करने तथा एथेनॉल के उत्पादन पर अधिक ध्यान देने को कहा है।
चीनी की पैकेजिंग हो, निर्यात के उद्देश्य से
एनएसआई वेबिनार
चीनी निर्यात की समय सीमा हुई दिसंबर
चीनी निर्यात भी भारत के अधिकांश बंदरगाहों में फंसे हुए थे। अब सरकार ने चीनी निर्यात के समयसीमा को लेकर चीनी मिलों को राहत दी है।
देशी मदिरा के लिए, 18 फीसदी मोलासेस रिजर्व
शीरा नीति 2020-21
शुगर इंडस्ट्री को क्यों चाहिए एक्सपोर्ट पर सब्सिडी?
चीनी उद्योग ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उस घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार 2020-21 के चीनी सीजन के लिए अपनी निर्यात सब्सिडी के विस्तार पर विचार नहीं कर रही है।
गांव और गरीब को अमीर करने वाली इंडस्ट्री है चीनी उद्योग
एसटीएआई का 78वीं वर्चुअल दो दिवसीय वार्षिक समारोह सम्पन्न
चीनी उत्पादन 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान
भारत का चीनी उत्पादन अक्टूबर से शुरू होने वाले 2020-21 के विपणन सत्र में 13 प्रतिशत बढ़कर 3.1 करोड़ टन होने का अनुमान है।
एथनॉल में 3.34 रुपए प्रति लीटर तक की हुई वृद्धि
भारत सरकार ने एथनॉल की कीमतों में दो रुपये से तीन रुपये 35 पैसे प्रति लीटर तक की वृद्धि की है।
किसानों को अब तक 1 लाख करोड़ का हुआ भुगतान
एक क्लिक से गन्ना किसानों के खाते में पहुंचा 418 करोड़
एथेनॉल का उत्पादन होगा 350 करोड़ लीटर
बयान चीनी मिलों ने नवंबर को समाप्त आपूर्ति वर्ष में तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को 170 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति के लिये अनुबंध किया जो पिछले साल की तुलना में कम है। इसमें से अब तक 92.5 करोड़ लीटर की आपूर्ति की गयी है।