जुल्म नहीं जस्टिस ब्लैक लाइस मैटर
Sarita|June Second 2020
अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में अश्वेत जौर्ज फ्लौयड की गोरे पुलिसमैन द्वारा बिना खास कारण के हत्या किया जाना मानवीय ज्यादती, नस्लभेद और रंगभेद का दर्दनाक सुबूत है. अभी भी सदियों पहले की तरह गोरों के व्यवहार में हाकिमों और गुलामों वाली सोच जस की तस मौजूद है. वहीं, रंग व जाति के भेदों के अंगारों को धर्मग्रंथों के सहारे बारंबार नई शक्लों में थोपा जाता रहा है.
रोहित
जुल्म नहीं जस्टिस ब्लैक लाइस मैटर

दुनिया में लोगों ने भेदभाव वाली व्यवस्था को तोड़ कर आगे बढ़ने की काफी कोशिश की है. लेकिन, आज भी उठउठ कर चीजें फिर से उसी रूप में सामने आ जाती हैं. इस का ताजा उदाहरण अमेरिका में देखने को मिला जहां पिछले दिनों चमड़ी के काले रंग होने के कारण एक व्यक्ति को नस्लवाद के कहर का शिकार होना पड़ा.

هذه القصة مأخوذة من طبعة June Second 2020 من Sarita.

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एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
Sarita

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फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.

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शादी से पहले खुल कर करें बात
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सुनें दिल की धड़कन
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जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष
Sarita

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जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.

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आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.

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October Second 2024
प्रसाद पर फसाद
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प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.

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October Second 2024
आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?
Sarita

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सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण को मंजूरी दे दी है, जिस के तहत सरकारों को अब एससी और एसटी आरक्षण के भीतर भी आरक्षण देने की छूट होगी. इस फैसले ने आरक्षण की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. इस से जाति आधारित आरक्षण की मांग और भी जटिल हो जाएगी, जिस से देश में नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है.

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1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
Sarita

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इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानूनों में 2-3 ने ही सामाजिक परिदृश्य को बदला. राजीव गांधी को सामाजिक मामलों की ज्यादा चिंता नहीं थी, यह साफ है.

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October Second 2024
सांपसीढ़ी की तरह है धर्म और धर्मनिरपेक्षता की जंग
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हरियाणा और जम्मूकश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे बताते हैं कि धर्म और धर्मनिरपेक्षता के बीच जंग आसान नहीं है. दोनों के बीच सांपसीढ़ी का खेल चलता रहता है.

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क्यों फीकी हो रही फिल्मी और आम लोगों की दीवाली
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