याचक कौन?
Akhand Gyan - Hindi|March 2020
भारत के संतों ने सदैव त्याग की अनूठी मिसालें पूरे विश्व के आगे रखी हैं। परन्तु संतों के इसी त्याग को कई बार गलत समझ लिया जाता है और उन्हें याचक का संबोधन दे दिया जाता है।
याचक कौन?

इस श्रेणी में एक नाम आता है, ऋषि कणाद का। कहते हैं, ऋषि कणाद ने यह प्रण लिया था कि वे खेतों से उपजे उन कणों को ही ग्रहण करेंगे, जो सबसे अंत में बच जाते हैं। उन्होंने यह व्रत लिया था कि जब पशु-पक्षी भी खेत में से दाने चुग लेंगे, तब उसके पश्चात् जो बिखरे हुए धान के कण होंगे, वे उन कणों का ही भोजन करेंगे। इसलिए ही उन्हें ऋषि कणाद कहकर सम्बोधित किया गया।

هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2020 من Akhand Gyan - Hindi.

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एका बना वैष्णव वीर!
Akhand Gyan - Hindi

एका बना वैष्णव वीर!

आपने पिछले प्रकाशित अंक (मार्च 2020) में पढ़ा था, एका शयन कक्ष में अपने गुरुदेव जनार्दन स्वामी की चरण-सेवा कर रहा था। सद्गुरु स्वामी योगनिद्रा में प्रवेश कर समाधिस्थ हो गए थे। इतने में, सेवारत एका को उस कक्ष के भीतर अलौकिक दृश्य दिखाई देने लगे। श्री कृष्ण की द्वापरकालीन अद्भुत लीलाएँ उसे अनुभूति रूप में प्रत्यक्ष होती गईं। इन दिव्यानुभूतियों के प्रभाव से एका को आभास हुआ जैसे कि एक महामानव उसकी देह में प्रवेश कर गया हो। तभी एक दरोगा कक्ष के द्वार पर आया और हाँफते-हाँफते उसने सूचना दी कि 'शत्रु सेना ने देवगढ़ पर चढ़ाई कर दी है। अतः हमारी सेना मुख्य फाटक पर जनार्दन स्वामी के नेतृत्व की प्रतीक्षा में है।' एका ने सद्गुरु स्वामी की समाधिस्थ स्थिति में विघ्न डालना उचित नहीं समझा और स्वयं उनकी युद्ध की पोशाक धारण करके मुख्य फाटक पर पहुँच गया। अब आगे...

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April 2021
'सुख' 'धन' से ज्यादा महंगा!
Akhand Gyan - Hindi

'सुख' 'धन' से ज्यादा महंगा!

हेनरी फोर्ड हर पड़ाव पर सुख को तलाशते रहे। कभी अमीरी में, कभी गरीबी में, कभी भोजन में, कभी नींद में कभी मित्रता में! पर यह 'सुख' उनके जीवन से नदारद ही रहा।

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April 2021
कैसा होगा तृतीय विश्व युद्ध?
Akhand Gyan - Hindi

कैसा होगा तृतीय विश्व युद्ध?

विश्व इतिहास के पन्नों में दो ऐसे युद्ध दर्ज किए जा चुके हैं, जिनके बारे में सोचकर आज भी मानवता काँप उठती है। पहला था, सन् 1914 में शुरु हुआ प्रथम विश्व युद्ध। कई मिलियन शवों पर खड़े होकर इस विश्व युद्ध ने पूरे संसार में भयंकर तबाही मचाई थी। चार वर्षों तक चले इस मौत के तांडव को आगामी सब युद्धों को खत्म कर देने वाला युद्ध माना गया था।

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April 2021
अपने संग चला लो, हे प्रभु!
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अपने संग चला लो, हे प्रभु!

जलतरंग- शताब्दियों पूर्व भारत में ही विकसित हुआ था यह वाद्य यंत्र। संगीत जगत का अनुपम यंत्र! विश्व के प्राचीनतम वाद्य यंत्रों में से एक। भारतीय शास्त्रीय संगीत में आज भी इसका विशेष स्थान है। इतने आधुनिक और परिष्कृत यंत्र बनने के बावजूद भी जब कभी जलतरंग से मधुर व अनूठे सुर या राग छेड़े जाते हैं, तो गज़ब का समाँ बँध जाता है। सुनने वालों के हृदय तरंगमय हो उठते हैं।

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April 2021
चित्रकला में भगवान नीले रंग के क्यों?
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चित्रकला में भगवान नीले रंग के क्यों?

अपनी साधना को इतना प्रबल करें कि अत्यंत गहरे नील वर्ण के सहस्रार चक्र तक पहुँचकर ईश्वर को पूर्ण रूप से प्राप्त कर लें।

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April 2021
ठक! ठक! ठक! क्या ईश्वर है?
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ठक! ठक! ठक! क्या ईश्वर है?

यदि तुम नास्तिकों के सामने ईश्वर प्रत्यक्ष भी हो जाए, तुम्हें दिखाई भी दे, सुनाई मी, तुम उसे महसूस भी कर सको, अन्य लोग उसके होने की गवाही भी दें, तो भी तुम उसे नहीं मानोगे। एक भ्रम, छलावा, धोखा कहकर नकार दोगे। फिर तुमने ईश्वर को मानने का कौन-सा पैमाना तय किया है?

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March 2021
आइए, शपथ लें..!
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आइए, शपथ लें..!

एक शिष्य के जीवन में भी सबसे अधिक महत्त्व मात्र एक ही पहलू का हैवह हर साँस में गुरु की ओर उन्मुख हो। भूल से भी बागियों की ओर रुख करके गुरु से बेमुख न हो जाए। क्याकि गुरु से बेमुख होने का अर्थ है-शिष्यत्व का दागदार हो जाना! शिष्यत्व की हार हो जाना!

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March 2021
अंतिम इच्छा
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भारत की धरा को समय-समय पर महापुरुषों, ऋषि-मुनियों व सद्गुरुओं के पावन चरणों की रज मिली है। आइए, आज उन्हीं में से एक महान तपस्वी महर्षि दधीची के त्यागमय, भक्तिमय और कल्याणकारी चरित्र को जानें।

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March 2021
भगवान महावीर की मानव-निर्माण कला!
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भगवान महावीर की मानव-निर्माण कला!

मूर्तिकार ही अनगढ़ पत्थर को तराशकर उसमें से प्रतिमा को प्रकट कर सकता है। ठीक ऐसे ही, हर मनुष्य में प्रकाश स्वरूप परमात्मा विद्यमान है। पर उसे प्रकट करने के लिए परम कलाकार की आवश्यकता होती है। हर युग में इस कला को पूर्णता दी है, तत्समय के सद्गुरुओं ने!

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March 2021
ठंडी बयार
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ठंडी बयार

सर्दियों में भले ही आप थोड़े सुस्त हो गए हों, परन्तु हम आपके लिए रेपिड फायर (जल्दी-जल्दी पूछे जाने वाले) प्रश्न लेकर आए हैं। तो तैयार हो जाइए, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए। उत्तर 'हाँ' या 'न' में दें।

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February 2021