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जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
श्रेष्ठ शिष्य की खोज में रहते हैं श्रेष्ठ गुरु
३ जुलाई, गुरु पूर्णिमा पर विशेष
समाज - मनीषा पर विश्वास हो, राजनीतिक अनिवार्यताओं पर नहीं
मैं विवेकानन्द केन्द्र के साथ सन १६७७ में जुड़ी। तब तमिलनाडु में हिन्दी का विरोध हुआ करता था।
'समय' : सबसे बड़ी पूंजी है
मनुष्य के पास ईश्वर प्रदत्त पूंजी 'समय' है, यही आयु है। अतः जब तक जीवन है; तब तक सारा समय श्रम करते हुए बिताना चाहिए। जितना समय आलस्य में पड़े रहकर निठल्लेपन से बिता दिया, तो समझो कि जीवन का उतना ही अंश बर्बाद हो गया।
उदारीकरण के बिना कैसे आती दूरसंचार क्रान्ति
डिजिटल तकनीक-८