सूक्ष्मग्रही होना !
Rishimukh Hindi|March 2020
बीज वृक्ष बनता है और वृक्ष फिर एक बीज बनता है। इस प्रकार बीज को पुन: बीज बनने में ही संपूर्णता की अनुभूति होती है।
सूक्ष्मग्रही होना !

जब तक कि बीज वृक्ष नहीं बनता और इस

वृक्ष पर फल नहीं आते, बीज पूर्ण नहीं होता

और यह चक्र पूरा नहीं होता। ‘एक बीज

से एक बीज तक' की यह संपूर्ण यात्रा है।

यह एक से शुरू होती है और अनेक बीजों

में परिवर्तित हो जाती है। इसी प्रकार मानव

जीवन को भी संपूर्णता की अनुभूति तभी

होती है, जब इसे 'स्व' की विशाल प्रकृति

هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2020 من Rishimukh Hindi.

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