दर्शन चाहे कितना भी महान क्यों न हो लेकिन जो दुर्बलता का संदेश देता है, विश्व उसको कभी स्वीकार नहीं करता है । इसलिए साहस, बल, आत्मरक्षा का बल, संस्कृति की रक्षा का बल, समाज की रक्षा काबल...
हमें रोक सके, ये जमाने में दम नहीं।
हमसे जमाना है, जमाने से हम नहीं॥
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 2020 من vishvaguru ojaswi.
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भारत की सबसे कम हाइट की वकील
सफलता हासिल करने के लिए हाइट नहीं बल्कि हौसले बड़े होने चाहिए।
गृहस्थ धर्म क्या है ?
माता-पिता, समाज के ऋणानुबंध से मुक्त होने का माध्यम गृहस्थाश्रम है ।
संगीत जीवन की ध्वनि है...
जो रस की सृष्टि से उत्पन्न होता है, वह संगीत कहलाता है ।
सत्शिष्य के लक्षण
परम शांत अवस्था से बढ़कर व शांति के अनुभव से बढ़कर और कोई जगत में श्रेष्ठ अनुभव नहीं माना गया।
वर्तमान शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता
ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे पढ़ जरूर रहे हैं, पर उन्हें उचित ज्ञान प्राप्त नहीं हो रहा है।
स्वामी श्री लीलाशाहजी जीवन दर्शन
साधु-संग मनुष्य जीवन को कुंदन (सोना) बनानेवाला है।
कैदियों के उज्ज्वल जीवन का आधार : योग !
योग से न सिर्फ कैदियों की फिटनेस में सुधार हुआ बल्कि इससे उनमें हिंसा की प्रवृत्ति घटी ।
पूज्य श्री साँईंजी का रामनवमी पर विशेष संदेश
रामजी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और बुराई के विरुद्ध संघर्ष किया।
वर्तमान शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता
उत्तम भोजन से उत्तम आरोग्य और उत्तम आरोग्य से उत्तम शिक्षा प्राप्त होगी।
वर्तमान शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता
उद्यमिता कई चीजों से मिलकर बनी एक बड़ी आर्थिक-सामाजिक व्यवस्था है ।