गाजर अत्याधिक विटामिन्स एवं खाद्य पदार्थ वाली फसल है जिसका सलाद, सब्जी, हलवा, मुरब्बा और रायता के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें विटामिन 'ए' और शर्करा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है और गुर्दे की बीमारी में लाभदायक होती है, गाजर जड़ वाली सब्जी है।
जलवायु : यह फसल ठंडी जलवायु की है। इसके जड़ों का रंग और बढ़वार तापमान द्वारा प्रभावित होता है। इसकी बढ़वार और रंग के लिए 10-15 डिग्री सै. तापमान अच्छा होता है। इससे ज्यादा तापमान पर जड़ें छोटी और कम तापमान पर जड़ें लम्बी व पतली बनती हैं।
भूमि एवं भूमि की तैयारी : इस फसल की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है। दोमट व बलुई दोमट भूमि जिसमें जीवांश की पर्याप्त मात्रा हो तथा सिंचाई और जल निकास के उचित साधन हों तथा भूमि में किसी तरह की कड़ी परत न हो इसकी खेती के लिए सबसे उचित समझी जाती है। ज्यादा सख्त और बहुत हल्की मिट्टी में जड़ों में शाखाएं फूट जाती हैं जिससे जड़ें खराब हो जाती हैं। भूमि की कई बार जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बना लेनी चाहिए।
उन्नत जातियां : इस फसल की प्रजातियों में यूरोपीय और एशियाई दो तरह की प्रजाति पाई जाती है। एशियाई प्रजातियों में अधिक गर्मी सहन करने की क्षमता होती है अतः इनके बीज मैदानी क्षेत्रों में बनाए जा सकते हैं। इन किस्मों की बुवाई का उपयुक्त समय अगस्त से अक्टूबर का महीना है।
पूसा केन्कर : इस प्रजाति की पत्तियां अपेक्षाकृत छोटी व जड़ें हल्के लाल रंग की होती हैं। इस प्रजाति को लम्बे समय तक खेत में रखा जा सकता है। पूसा मेघाली: इसकी जड़ें गोलाकार, लम्बी, नीचे की तरफ पूंछ जैसी पीले रंग की होती हैं। इसकी जड़ें फरवरी-मार्च में तैयार हो जाने पर मई तक चलती रहती हैं।
चेन्टेन : यह प्रजाति गृह वाटिका वन विन्यास में लगाने वाली प्रजाति है। यह 75-90 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई अक्टूबरदिसम्बर में की जाती है।
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।