बाजरा-सर्दियों का तोहफा और गुणों का खजाना
Modern Kheti - Hindi|1st December 2022
बाजरा भारत की धान, गेहूं और ज्वार के बाद चौथी मुख्य अनाज की फसल है। यह फसल ग्रेमिनी पादप कुल से सम्बन्ध रखती है।
ओंकार शर्मा
बाजरा-सर्दियों का तोहफा और गुणों का खजाना

इस फसल को आवश्यकता की बजाये मज़बूरी की फसल कहा गया है क्योंकि इसका उत्पादन शुष्क क्षेत्र में अधिक होता है। भारत में अनाज की कुल खपत में बाजरा का हिस्सा 5.6 प्रतिशत है। भारत में बाजरा की खेती मुख्य तौर से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में की जाती है। इसे पहले समय में मुख्य तौर से पशुओं के चारे के लिए ही उगाया जाता था। परन्तु जब लोगों को बाजरा के गुणों के बारे में पता चला तो इसे भोजन में शामिल करने लगे।

बाजरा ऊर्जा का एक सस्ता स्रोत है। बाजरा ग्रामीण क्षेत्र में कुल प्रोटीन मात्रा की 2 से 15 प्रतिशत पूर्ति करता है। बाजरा के दानों में लगभग 11 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है जो गेहूं में उपस्थित मात्रा के बराबर है। वसा की मात्रा बाजरा में 5 प्रतिशत होती है जो गेहूं की मात्रा से ज्यादा है। इसके अतिरिक्त इस फसल में खनिज, फाइबर, लोहा, कैल्शियम और फॉस्फोरस तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। लाइसिन और अन्य एमिनो एसिड इस फसल में संतुलित मात्रा में होते हैं। ऊर्जा की मात्रा अधिक होने के कारण बाजरा को सर्दियों के मौसम में खाने के लिए अधिक प्रयोग किया जाता है।

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