![ऐक्वाकल्चर तथा हाइड्रोपोनिक्स का अनोखा मिश्रण - ऐक्वापोनिक्स ऐक्वाकल्चर तथा हाइड्रोपोनिक्स का अनोखा मिश्रण - ऐक्वापोनिक्स](https://cdn.magzter.com/1344336963/1694845131/articles/U9BR9rADp1695125547951/1695125852080.jpg)
हमारा देश कृषि प्रधान देश है जहां किसानों को हमारे देश की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। कहा जाता है कि किसी भी देश की तरक्की का यदि अंदाजा लगाना हो तो उस देश में किसानों और महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए। इसलिए यही प्रयास किया जाता है कि कृषि क्षेत्र में नयी तकनीक का विकास हो तथा उत्पादन दर में वृद्धि हो इसी क्रम में एक नया प्रयास है, ऐक्वा पोनिक्स।
एक्वापोनिक्स शब्द एक्वा और पोनिक्स से मिलकर बना है। एक्वा जलीय कृषि को दर्शाता है, जहाँ एक नियंत्रित वातावरण में मछलियाँ पाली जाती हैं। पोनिक्स एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है - काम करना। इसमें मिट्टी रहित, मीडिया द्वारा खेती की जाती है। आजकल जनसंख्या की भोजन की मांग कई गुना बढ़ गई है। किसानों के सामने आने वाली गंभीर समस्याएँ जैसे उर्वरकों की उच्च लागत, सिंचाई के लिए पानी की अधिक आवश्यकता, खेती के लिए जमीन की मांग इत्यादि। इन समस्याओं को दूर करने के लिए एक नई तकनीक है एक्वापोनिक्स। ऐक्वा पोनिक्स प्रणाली कृषि उत्पादन के दो प्रारूप को जोड़ती है, ऐक्वा कल्चर तथा हाइड्रो पोनिक्स।
एक्वा पोनिक्स के चरण: इस प्रणाली को तीन चरणों में विभाजित किया गया है।
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![जितना प्राकृतिक खेती पर जोर, उतना बजट नहीं .. जितना प्राकृतिक खेती पर जोर, उतना बजट नहीं ..](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1996499/KWLYeQZqG1739792064930/1739792121321.jpg)
जितना प्राकृतिक खेती पर जोर, उतना बजट नहीं ..
पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की खूब बातें हो रही हैं। केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती पर काफी जोर दे रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के बजट के आंकड़े देश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के मामले में खास उत्साहजनक नजर नहीं आते।
![ग्रीन हाउस में फूलों की खेती ग्रीन हाउस में फूलों की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/M5bhbR7TX1738741680962/1738741830703.jpg)
ग्रीन हाउस में फूलों की खेती
हमारे देश की जलवायु ऐसी है जहां सभी प्रकार के फूल उगाये जाते हैं। किन्तु वर्तमान समय की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नियंत्रित वातावरण में फूल उपजाए जाते हैं, जो सामान्यतः खुले वातावरण में ठीक से नहीं उपजाए जा सकते हैं।
![एफपीओ: भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान एफपीओ: भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/h9Tydyr8B1738742715095/1738743055069.jpg)
एफपीओ: भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान
भारत के कृषि परिदृश्य में छोटे और सीमांत किसान अधिक ( 86 प्रतिशत) हैं। इनमें से अनेक किसान सीमित संसाधन और छोटी जोत के कारण मोलभाव करने की स्थिति में नहीं होते।
![खाद्य पदार्थों में मिलावट पहचान एवं बचाव खाद्य पदार्थों में मिलावट पहचान एवं बचाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/nM5NjB6eV1738740931155/1738741662746.jpg)
खाद्य पदार्थों में मिलावट पहचान एवं बचाव
हम सब घरेलू खान-पान वाली वस्तुएँ आमतौर पर बाजार से खरीद कर ही इस्तेमाल करते हैं। कुछ मुनाफाखोर इनमें नकली एवं मिलावटी वस्तुएं मिलाकर बिक्री बढ़ाने के लिए खपतकारों को बेच देते हैं। इन नकली एवं मिलावटी वस्तुओं से सेहत खराब होती है और शरीर का भी बहुत नुक्सान होता है। हमें बाजार से वस्तुएं खरीदते समय सचेत रहना चाहिए। आओ हम असली नकली एवं मिलावटी वस्तुओं की पहचान करने के बारे में जानकारी सांझा करें।
![हरी खाद सवारें मिट्टी के गुण हरी खाद सवारें मिट्टी के गुण](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/0Okpvi7Kj1738743070512/1738743212749.jpg)
हरी खाद सवारें मिट्टी के गुण
फसलों की अच्छी पैदावार बनाये रखने के लिए मिट्टी के भौतिक, रसायनिक एवं जैविक गुणों का बढ़िया अवस्था में होना बहुत जरूरी है।
![जलवायु संकट का सामना करने में नई तकनीकों की जरुरत जलवायु संकट का सामना करने में नई तकनीकों की जरुरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/FMFip8NwH1738739238259/1738739303069.jpg)
जलवायु संकट का सामना करने में नई तकनीकों की जरुरत
कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु संकट का सामना करने के लिए नई तकनीक, तौर-तरीके और सहकारी संस्थाएं मददगार साबित हो सकती हैं।
![हरे चारे के अभाव में साइलेज से पशुधन की पोषण सुरक्षा हरे चारे के अभाव में साइलेज से पशुधन की पोषण सुरक्षा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/3_dWdh4re1738739514380/1738739748937.jpg)
हरे चारे के अभाव में साइलेज से पशुधन की पोषण सुरक्षा
देश में पशुधन के पोषण हेतु हरे और पौष्टिक चारे की बहुत कमी है। निरंतर घटती जोत के कारण मात्र 4 प्रतिशत कृषि भूमि पर हरे चारे का उत्पादन संभव हो पा रहा है।
![बायोचार कीटनाशकों का मिट्टी में कम कर सकता है प्रभाव बायोचार कीटनाशकों का मिट्टी में कम कर सकता है प्रभाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/zEFAmuG7d1738738940734/1738739021020.jpg)
बायोचार कीटनाशकों का मिट्टी में कम कर सकता है प्रभाव
दुनिया के कई हिस्सों में डीडीटी के कारण मिट्टी का प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है। शोधकर्ताओं ने इस जहर से होने वाले पारिस्थितिक खतरों को प्रबंधित करने के लिए इसे बायोचार के साथ मिलाकर एक नई विधि तैयार की है।
![कीट नियंत्रण में फेरोमेन ट्रेप का उपयोग कीट नियंत्रण में फेरोमेन ट्रेप का उपयोग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/1Tp1W_gMY1738741843471/1738742202531.jpg)
कीट नियंत्रण में फेरोमेन ट्रेप का उपयोग
फेरोमेन एक प्रकार का कार्बनिक पदार्थ है जो वैज्ञानिकों द्वारा संश्लेषित करके इसे बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जा सकता है। जो उस जाति के नर कीट को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
![कृषि रसायन : दवा या जहर कृषि रसायन : दवा या जहर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1979251/yTqBhYADh1738740263908/1738740376443.jpg)
कृषि रसायन : दवा या जहर
प्राकृतिक, कृषि एवं वातावरण की स्थिरता के लिए हमें कृषि में जैविक प्रबंधन को बढ़ावा देना होगा। जैविक खेती के महत्वपूर्ण स्तम्भ जैसे जैविक खाद, केंचुआ खाद, जीवाणु खाद, बायोगैस स्लरी का उपयोग, कीटों व बीमारियों का जैव नियंत्रण, फसल चक्र प्रबंधन आदि को अपनाना ही होगा।