निर्यात की दृष्टि से भी यह फल बहुत महत्वपूर्ण है। खनिज एवं विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होने से इसके फल रोगियों जैसे हृदय रोगी, कैंसर, शुगर आदि के लिए बहुत ही उपयुक्त माने गये हैं। अनार के प्रति 100 ग्राम फल में 6 ग्राम प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत खनिज, 5.1 ग्राम रेशा, 14.5 मिलीग्राम कैल्शियम, 70 मिलीग्राम फॉस्फोरस एवं 0.3 ग्राम लौहा होता है।
इसके महत्व को समझते हुए कृषकों को इसकी बागवानी उन्नत किस्मों के साथ वैज्ञानिक तकनीक से करनी चाहिए, ताकि इसकी फसल से अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सके। इस लेख में किसान बन्धुओं के लिए अनार की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कैसे करें की पूरी जानकारी का उल्लेख किया गया है।
उपयुक्त जलवायु: यह शुष्क एवं अर्धशुष्क क्षेत्रों में उगाये जाने वाला एक महत्वपूर्ण फल है। इसकी खेती को मुख्यतया तापमान, प्रकाश, आर्द्रता, वर्षा इत्यादि कारक प्रभावित करते है। अनार का पौधा बहुत कम तापमान से लेकर अत्याधिक तापमान (48 डिग्री सेल्सियस) पर भी अपने आप को जीवित रख लेता है। परन्तु अच्छी बढ़वार एवं उत्पादन के लिये 15 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त पाया गया है, साथ ही ऐसे क्षेत्र जहा वार्षिक वर्षा का स्तर 500 से 800 मिलीमीटर तक रहता है, सर्वोतम होता है।
फलों के विकास और पकने के समय गर्म एवं शुष्क जलवायु अच्छी मानी जाती है। लम्बे समय तक उच्च तापमान रहने से फलों में मिठास बढ़ जाती है। जबकि आर्द्र जलवायु से फलों की गुणवत्ता प्रभावित होती है तथा फफूंद जनित रोगों का प्रकोप बढ़ता है।
भूमि का चुनाव: अनार की खेती विभिन्न प्रकार की मृदाओं में सफलतापूर्वक की जा सकती है, परन्तु इसके सफल उत्पादन के लिए उचित जल निकास वाली, बलुई-दोमट मिट्टी जो कि जीवांश पदार्थों से प्रचुर हो उत्तम मानी गयी है। मृदा का पी एच मान 6.5 से 7.5 के मध्य अच्छा होता है, परन्तु 8.5 पी एच मान तक वाली मृदाओं में भी इसका उत्पादन लिया जा सकता है।
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।