चीन के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा भोजन उत्पादक है और कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़ा उत्पादक होने की क्षमता रखता है। फूड प्रोसैस्सिंग सैक्टर में मुख्य तौर पर कृषि उत्पादन के रखरखाव अथवा शीघ्र खराब होने वाले कृषि उत्पादों, फल-सब्जियों एवं दूध इत्यादि के भिन्न-भिन्न उद्देश्यों के लिए रखरखाव से संबंधित है। भारत में अधिकतर गैर संगठित फूड प्रोसैस्सिंग उद्योगों का दबदबा है। देश में लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन संगठित, 42 प्रतिशत गैर संगठित एवं बाकी उत्पादन छोटे खिलाड़ियों से आता है।
यद्यपि गैर संगठित क्षेत्र भिन्न-भिन्न श्रेणियों में भिन्न-भिन्न स्तर पर कार्य करता है फिर भी बाजार का 75 प्रतिशत योगदान डालता है। मध्य श्रेणी की आमदनी में बढ़ोतरी, जनसंख्या की बदलती हुई जीवनशैली एवं सब्जियों, फलों एवं दूध के अधिक उत्पादन के कारण हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश समेत उत्तरी भारत प्रोसैस्सड फूड उद्योग का मुख्य केन्द्र बनता जा रहा है।
भारत में आगामी दशक में कुल भोजन उत्पादन के दोगुना होने की संभावना है। भारतीय उद्योग संघ (CII) के अनसार, प्रोसैस्सड फूड क्षेत्र में 9 मिलियन व्यक्ति दिनों का रोज़गार पैदा करने की क्षमता है। फूड प्रोसैस्सिंग क्षेत्र भारतीय अर्थ व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान डाल रहा है और कृषि में जीडीपी का 11 प्रतिशत एवं उत्पादन क्षेत्र में जीडीपी का 9 प्रतिशत हिस्सा इस क्षेत्र का योगदान है।
वर्ष 2011-12 में कृषि में 5 प्रतिशत एवं उत्पादन क्षेत्र में 7 प्रतिशत के मुकाबले फूड प्रोसैस्सिंग उद्योग क्षेत्र 7 प्रतिशत बढ़ोतरी की दर पर बढ़ता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार होता जा रहा है।
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।