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कार्तिक माह का दूसरा ग्रहण
चन्द्रग्रहण (08 नवम्बर, 2022)
आखिर कब होगा आपका विवाह?
देर से विवाह होने के परिणामस्वरूप कई बार उपयुक्त जीवनसाथी नहीं मिल पाता है। विवाह में देरी से अभिप्राय उस समय से है जब आप विवाह करना चाहते हो और कहीं कोई बात बन नहीं पा रही है।
राशि और आँखें
धनु राशि की आँखों में दृढ़ आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलती है। इन लोगों से बहुत देर तक आँखों में आँखें डालकर बात करना मुश्किल होता है, क्योंकि इनका आत्मविश्वास प्राय: सामने वाले के विश्वास को डिगा देता है।
आयुर्वेद के क्षेत्र में संत श्री आशारामजी बापू का योगदान
शाश्वत संबंध की स्मृति किये बिना जीव का कहीं परम कल्याण नहीं होता।
ईश्वर के रास्ते पग रख दिया तो पीछे हटना क्यों?
दुर्बलता के विचारों को पोषना अपने लिए खड्डा खोदना है।
स्वास्थ्य - कल्याण की बातें
(तन, मन, अंतरात्मा के) उत्तम स्वास्थ्य का मूल 'श्रद्धा' है।
रोग का रहस्य और निरोगता का मूल
जो अपने को शरीर मानेगा और मन के साथ जुड़ा रहेगा वह पूर्ण संतुष्ट कभी नहीं होगा।
रोग निवारण की अनंत शक्ति आपमें ही है!
मनुष्य अपने `मुक्त स्वभाव को जान सकता है, अपने परम स्वभाव को पा सकता है।
शरीर की दवाई कम करो, मन की दवाई करो
यदि मन अपनी असलियत का चिंतन करता है तो वह मन ही परब्रह्मरूप हो जाता है।
दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी का मूलमंत्र
किसीको त्रिलोकी का राज्य भी मिल जाय पर ब्रह्मविद्या नहीं मिली तो वह व्यक्तिअभागा है।
ऋषियों द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार : दीपावली
दीपावली पर्व : २२ से २६ अक्टूबर
भगवान के पिता : मेरे गुरुदेव
ब्रह्मलीन साँई श्री लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस : २ नवम्बर
मन का प्रभाव तन पर
ईश्वर के जगत में ऊँचे-से-ऊँचा कोई प्राणी बना है तो वह मनुष्य है।
Spirituality, Science And Sustainability
The history of Kashi (Current name is Varanasi, also known as Benares or Banaras) is very old, it is as old as the existence of human beings.
In the Universal Mother’s Divine Playground
Swami Vivekananda never taught the worship of Mother Kali. In a letter to Mary Hale he writes, “Kali worship is not a necessary step in any religion.
Bards of Guruvayur: Vilwamangalam II
Saints of India
THE AUTUMN FESTIVAL
A fictional narrative based on incidents from the childhood of Sri Ramakrishna.
Swami Vivekananda: A Sportsman Par Excellence
In various books and articles, Swami Vivekananda has been called a spiritual leader, a prophet, a patriot, a social reformer, a philosopher, a yogi, a writer, an orator, an educationist, a musician, and so on.
आखिर क्यों पूजा जाता है स्वस्तिक
दीपावली पर विशेष
महाकाल और महाकाली साधना
दीपावली पर विशेष
क्यों होती है लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त पूजा?
आज से मेरी सभी सिद्धियाँ, सुख-सम्पत्तियाँ में अपने पुत्र गणेश को प्रदान करती हूँ एवं मेरी पुत्री के समान प्रिय ऋद्धि और सिद्धि जो कि ब्रह्मा जी की पुत्रियाँ हैं, उनसे श्रीगणेश के विवाह करने का वचन देती हूँ। मैं गणेश की प्रत्येक इच्छा की पूर्ति करूँगी।
श्रीसूक्त से करें महालक्ष्मी का पूजन
श्रीसूक्त 'श्री' अर्थात् लक्ष्मी प्रदान करने वाला है। इसी कारण इसे श्रीसूक्त कहते हैं। वेदोक्त होने के कारण यह अत्यधिक प्रभावशाली भी है। प्रत्येक धार्मिक कार्य में, हवनादि के अन्त में इन 16 सूक्तों से माँ लक्ष्मी के प्रसन्नार्थ आहूतियाँ अवश्य लगाई जाती हैं।
देवपूजन में 'न्यास'
न्यास किए बिना जो अनुष्ठानादि कार्यों में विशिष्ट पूजावसरों पर पूजा करते हैं, उन्हें भक्ति रहित होकर पूजा करने के समान विपरीत फल मिलता है।
धन की अविरल धारा के लिए करें वित्तेश्वर कुबेर साधना
दीपावली का पर्व सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य-वैभव और लक्ष्मी के आगमन का पर्व है। शास्त्रों में लक्ष्मी जी को समृद्धि की आराध्या देवी माना गया है, वहीं कुबेर जी को धन का, समृद्धि का वित्तमंत्री माना गया है।
॥ आत्मदीपो भव ॥
दीपक ज्ञान एवं प्रकाश का सदैव से प्रतीक रहा है। दीपोत्सव पूर्व वैदिक काल से भारत ही नहीं, वरन् विश्व के अधिकांश भागों में मनाया जाता रहा है।
नवरात्र में आद्याशक्ति की उपासना
चारों नवरात्र का अपना अलग-अलग महत्त्व है। वैसे शारदीय नवरात्र में ही अधिक अनुष्ठान आदि किए जाते हैं। गुप्त नवरात्र में तन्त्र सिद्धियाँ अधिक होती हैं।
कब होगी धनतेरस और कब मनेगा गोवर्धन पूजा एवं भाईदूज का त्योहार?
इस वर्ष पंचदिनात्मक दीपावली पर्व के दौरान तिथियों में परिवर्तन का समय मध्याह्न एवं सायंकाल है। इसके अतिरिक्त 25 अक्टूबर को ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण भी है। फलत: धनतेरस से लेकर भाईदूज तक के त्योहारों का निर्धारण धर्मशास्त्र के विशेष नियमों के माध्यम से हो रहा है, जिसका स्पष्टीकरण यहाँ संक्षेप में प्रस्तुत है।
ईश्वर के रास्ते पग रख दिया तो पीछे हटना क्यों ?
विद्यार्थी संस्कार
सबसे ऊँची विद्या क्या है ?
आप अपने आत्मा-परमात्मा में बैठो।
लम्बी आयु की सरल कुंजी
दीर्घायु का साधन