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பதிகம் பாடும் அடிகள்மார்
சிவாலயங்களில் வழிபாடுகள் நிகழும் போது பன்னிரு திருமுறைப் பாடல்களை, அவற்றிலும் சிறப்பாக மூவர் தேவாரப் பாடல்களை மன முருகப்பாடுபவர்களை நாம் ஓதுவார்கள் என்றும், ஓதுவாமூர்த்திகள் என்றும் குறிப்பிடுகின்றோம்.
இலக்கியத்தில் மங்கலம்!
ஓரு பொருள் அழகாக இருந்தால் எவ்வளவு லட்சுமிகரமாக இருக்கிறது என்கிறோம். சுபமானதை 'மங்கலம்' என்றும், 'மங்களம்' என்றும் குறிப்பிடுவதுண்டு.
நலம்தரும் நாகசதுர்த்தி, நாகபஞ்சமி (1.8.2022-2.8.2022)
ஆடி மாதத்தில் வருகின்ற வளர்பிறை நான்காவது நாளாகிய சதுர்த்தி நாளுக்கு ஒரு சிறப்புண்டு. இந்த நாளுக்கு, நாகசதுர்த்தி என்று பெயர்.
சுந்தரமூர்த்தியாரின் சுவடுகளைப் போற்றுவாம்!
ஆடி சுவாதி (5.8.2022) சுந்தரமூர்த்தி நாயனாரின் குருபூஜை
தேவ தேவியின் தெவிட்டாத அருளின்பம்
ஆடிமாதம் பெண்களுக்கு சிறப்பினைத் தருகின்ற மாதம். தட் சிணாயனம் என்கின்ற புண்ணிய காலம் தொடங்கும் மாதம், சிவன் சக்தியினுள் ஒடுங்கும் காலமாக கருதப்படுகிறது.
வளமான வாழ்க்கையைத் தரும் வரலட்சுமி விரதம் - 5.8.2022
வரலட்சுமி விரதம்:
महर्षि योगी अरविन्द
१५ अगस्त जयन्ती पर विशेष
क्रान्तिकारी सुशीला देवी
भारत की स्वतंत्रता एक दीर्घकालिक संघर्ष एवं असंख्य बलिदानों की परिणीति थी।
गांधी : एक अभिनव मूल्यांकन
५ फरवरी, १६२५ को "यंग इण्डिया' में गांधीजी ने एक महाशय का पत्र और उसका उत्तर छापा । पत्र-लेखक द्वारा लिखा गया था- "आप हर वक्त हमसे कहते हैं कि मुसलमानों के सामने झुको। उनके विरुद्ध अदालत भी कदापि मत जाओ। अच्छा बताइए हमारी ही जमीन पर हमसे पूछे बिना ही कोई मस्जिद बनाने लगे तो हम क्या करें?"
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' - इस उद्घोष से भारतवर्ष में शक्ति का जागरण करनेवाले भारत माँ के क्रान्तिकारी सपूत नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म २३ जनवरी १८६७ को जानकीनाथ और प्रभाती बोस के घर में जब हुआ तब शायद ही उनके माता-पिता ने कभी सोचा हो कि उनका यह छठा पुत्र और नौवां बच्चा भारत के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़नेवाला है। हालांकि माता-पिता को यह मअनुभव होने में देर नहीं लगी कि उनका यह पुत्र सुभाषचन्द्र अपने बाकी भाई और बहनों से बहुत अलग था।
महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे
वर्ष १८५६ में शिवपुरी में स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, शौर्य और दुस्साहस के प्रतीक तात्या टोपे को अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गई थी।
भगत सिंह - सुखदेव - राजगुरु
‘एक जीवन और एक ध्येय' वाले तीन मित्र भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु, इन तीनों की मित्रता क्रान्ति के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। बसंती चोला के इन दीवानों की ऐसी मित्रता थी जो जीवन के अंतिम क्षण तक साथ थी और बलिदान के बाद भी एक साथ उनका स्मरण किया जाता है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और डॉ. हेडगेवार
डॉ. हेडगेवार ने स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के लिए ही छोड़ी थी डॉक्टरी
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वामी विवेकानन्द का प्रभाव
“आगामी पचास वर्ष के लिए यह जननी जन्मभूमि भारतमाता ही मनो आराध्य देवी बन जाए।... अपना सारा ध्यान इसी एक ईश्वर पर लगाओ, हमारा देश ही हमारा जाग्रत देवता है। सर्वत्र उसके हाथ हैं. सर्वत्र उसके पैर हैं और सर्वत्र उसके कान हैं।
Seven Steps on the Path and other Heart to Heart Talks
BOOK REVIEWS
Tale of Two Realities An understanding of life through the Ramayana and Yogasutra
Beginning with this issue we are serialising Tale of Two Realities which we hope will help readers gain a deeper understanding of life. Our readers are familiar with the author through her The Vedas and Poorva: Magic, Miracles & the Mystical Twelve which were serialised earlier. The illustrations for this series is by Smt Uma Krishnaswami, a well-known artist. The author's note below gives a brief introduction to the series.
The Order on the March
News & Notes from Ramakrishna Math and Ramakrishna Mission
The Compassionate Bank: When Farmers Build Values for Finance Management
“Ηow do you speak Hindi so well? I thought I was in a state where people only spoke Tamil?!", said a journalist from Uttar Pradesh who was on a visit to Tamil Nadu for the first time. We had met at a conference on creating an alternative economy, in Madurai. So, when I told him that not far away from where we sat, was a village where it was common to find people speaking Mandarin, Malay, and Hindi apart from Tamil, he obviously found it unbelievable.
GADAI MAKES A NEW FRIEND
A fictional narrative based on incidents from the childhood of Sri Ramakrishna.
Sri Ramakrishna and the Freedom Movement - SWAMI VEDANISHTHANANDA
75th Anniversary of India's Independence The year 2022 is significant for India as it celebrates 75 years of attaining independence from the colonial domination. It was after a long struggle that we could free our motherland from foreign rule and make this "tryst with destiny".
Bards of Guruvayur: Manavedan Raja
It is around ten at night. The final Athazha Puja and seeveli procession at the Guruvayur temple are all over. The large crowd of devotees who milled around everywhere inside the temple all day, chanting, praying, performing circumambulations or sitting around simply enjoying the ambience, have all left.
Namo Brahmane...
Introduction This is the Shanti Mantra in the second chapter of the Taittiriya Aranyaka. It is also found in the body of the same chapter (Reference 2.12, 13). It is to be noted that this mantra is used as part of the practice of Brahma Yajna. Brahma Yajna is a daily Vedic practice that involves studying at least a small portion of the Vedas every day. This is done to protect the Vedic tradition by making sure the mantras learnt are not forgotten. Recalling the mantras daily amounts to repaying our debt to the Rishis who have bequeathed us this great body of wisdom. According to Acharya Sayana, this mantra, chanted towards the end of Brahma Yajna, is called the Paridhaniya Rk. Paridhana, according to Acharya Sayana, refers to the closing mantra. The mantras that were chanted as part of Brahma Yajna is believed to be made complete by invoking and saluting the seven divinities mentioned in this mantra.
हरतालिका व्रत ( 30 अगस्त, 2022 )
जिसे कुँवारी तथा विवाहित स्त्रियाँ रखती हैं
वास्तुशास्त्र एक परम शास्त्र है
सूर्य के अभाव में पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। सूर्य की प्रात:कालीन रश्मियाँ प्राप्त करने के लिए भवन का पूर्वी भाग अधिक खुला रखना चाहिए।
मन के बोझ के भार तले दबा जीवन
आरम्भ के दो वर्ष तो ऐसे गए कि मैं हर दिन मरती थी, मिटती थी, रात को सो नहीं पाती थी। मेरा कृत्य मुझे जीने नहीं दे रहा था, जिस कारण मैं भाग रही थी, बस भाग रही थी, लेकिन मैंने सब ईश्वर को सौंप दिया है। अब जो भी है, मुझे मंजूर है।
52 अंक का आध्यात्मिक महत्त्व एवं आंकिक विश्लेषण
अंकशास्त्र के अनुसार प्रत्येक अंक का अपना मूल स्वरूप, आकार, स्वर, ध्वनि कम्पन एवं ऊर्जा होती है, जिसके विस्तृत एवं गहन अध्ययन से किसी भी अंक, अंक युग्म अथवा अंक समूह का परीक्षण एवं आत्मनिरीक्षण करके उस अंक अथवा अंक स्वामी की समूल मानसिक, शारीरिक तथा व्यावहारिक अभिव्यक्ति का वास्तविक विश्लेषण किया जा सकता है।
प्रथम पूज्य श्रीगणेश!
गणेश चतुर्थी पर विशेष
वृन्दावन में ज्ञान हारा और भक्ति जीती!
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष
समय से सन्तान प्राप्ति होती है अगर पत्रिका में हों ऐसे योग!
लग्न का स्वामी जन्मपत्रिका में बलवान् हो, शुभ स्थान पर हो तथा सप्तमांश लग्न भी शुभ ग्रहों से युक्त एवं द्रष्ट हो, तो निश्चित रूप से सन्तान सुख की अनुभूति होती है।
अमरनाथ यात्रा में होने वाली आपदाओं के कारण वास्तुदोष!
सरकार को चाहिये कि तीर्थयात्रियों के लिए लगने वाले तम्बू, पाण्डाल, इत्यादि अमरनाथ गुफा के नैर्ऋत्य कोण में न लगायें, ताकि तीर्थयात्री अधिक सुरक्षित रह सकें।