तीन कामनाएं
Champak - Hindi|August First 2022
बच्चों की कहानी
मल्लिका सुकुमार
तीन कामनाएं

सुजोय जोय नाम के एक छोटे से गांव में अजय नाम का एक छोटा लड़का अपनी बहन जया और मम्मीपापा के साथ रहता था. उस के मम्मीपापा किसान थे और वे चावल, गेहूं और ज्वार उगाते थे.

एक दिन अजय ने घास काटने का हंसिया उठाया और गेहूं के खेत में काम करने चला गया. फसल काटने के लिए तैयार थी. अजय ने अपना हंसिया लहराते हुए गेंहू की लंबीलंबी बालियों को काटना शुरू किया. अचानक उस ने पास में ही एक हल्की सी रोने की आवाज सुनी. यह आवाज कहां से आ रही है? यह जानने के लिए उस ने इधरउधर नजर दौड़ाई और एक नन्हीं सी हरी परी को देखा, जो गेहूं के लंबेलंबे डंठलों के बीच मुश्किल से नजर आ रही थी.

नन्ही हरी परी ने कहा, “कृपया मेरी मदद करो. मेरे पंख फंस गए हैं और मैं उड़ नहीं सकती हूं."

अजय ने कहा, “अरे, यह तो बड़े दुख की बात है. मुझे उस की मदद करनी चाहिए."

अजय परी के नाजुक पंखों को चोट नहीं पहुंचाना चाहता था, इसलिए उस ने चारों ओर देखा और खेत में एक नन्हा सा सफेद पंख पड़ा पाया. उस ने उसे उठा लिया और उस से बहुत ही सावधानी से धीरेधीरे परी के पंखों को गेहूं के डंठलों से छुड़ाया.

अजय ने कहा, “अब तुम जहां चाहो, आराम से उड़ सकती हो.”

परी बहुत खुश हुई और नाचने लगी. वह अपने पंखों को फड़फड़ाती हुई बोली, "ओह, बहुतबहुत धन्यवाद. इस सहायता के बदले मैं तुम्हारी तीन इच्छाएं पूरी करूंगी."

नन्ही हरी परी फिर एक मुरझाते तारे की तरह गायब हो गई.

अजय जल्दी से अपने घर की ओर वापस भागा. उस का मन इस बात को ले कर असमंजस में था कि वह क्या चाहता है.

هذه القصة مأخوذة من طبعة August First 2022 من Champak - Hindi.

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