अपने मातापिता के साथ 11 साल की माधुरी राजस्थान के एक जंगली इलाके में बसे छोटे से कसबे में रहती थी. उस के पिता एक छोटे दुकानदार थे, जो पास के ही बाजार में अपने छोटे से स्टौल पर शीशे जड़े हुए मोतियों के आभूषण बेचते थे, जबकि उस की मां सिलाईकढ़ाई का काम करती थी.
हर दिन जब माधुरी स्कूल से लौटती तो वह अपनी मां को पुरुषों और महिलाओं के लिए सिलाई, कढ़ाई और रंगीन कपड़े बनाने में लगी हुई पाती. उन की निगाहें प्लास्टिक फ्रेम वाले चश्मे के नीचे से उन कपड़ों पर हो रहे बारीक कामों, सितारों, मोतियों और स्फटिकों पर टिकी हुई होतीं.
माधुरी के आने की आहट सुनते ही वह अपने बुटीक के उपकरणों को अलग रख देतीं, अपनी बेटी को चूमतीं और दोपहर का भोजन तैयार करने के लिए रसोई में चली जातीं.
माधुरी अपना होमवर्क कर रही होती या झपकी ले रही होती. जब वह पड़ोस के बच्चों के साथ बाहर खेलने चली जाती, तो मां अपना सिलाई का काम फिर से शुरू कर देतीं.
इसी इलाके में 'कोको क्राफ्ट्स' नाम का एक प्रसिद्ध स्टोर था. यह स्टोर न केवल शहर के शिल्प भंडारों में सब से मशहूर था, बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत से खास था.
इस स्टोर को बच्चों के लिए इतना लोकप्रिय बनाने में दो उत्पादों की विशेष भूमिका थी, जो इस स्टोर में बेचे जाते थे. ये उत्पाद विशेष रूप से तैयार किए जाते थे और इस स्टोर के अलावा कहीं और नहीं मिलते थे.
इन में से एक था 'कोको क्राफ्ट्स पिंक बौक्स' और दूसरा था ‘कोको क्राफ्ट्स ब्लू बौक्स.' गुलाबी बौक्स स्कूली बच्चों के लिए था, जबकि नीला बौक्स कालेज जाने वाले किशोरों के लिए था. इन में से हरेक बौक्स बड़े आकार की धातु से बने थे, जिस में एकदो या तीन नहीं, बल्कि कई सारा छोटाछोटा स्टेशनरी, शिल्प और कलाकारी का सामान था. गुलाबी बौक्स में छोटे बच्चों की जरूरत का सामान था, जबकि नीले बौक्स में वह सामान था जो कालेज जाने वालों और किशोरों के लिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण था.
हालांकि इन बौक्सों की कीमत काफी अधिक थी. पिंक बौक्स की कीमत 10 हजार रुपए जबकि ब्लू बौक्स की 25 हजार रुपए थी. इस कारण केवल बहुत संपन्न और अमीर घरों के बच्चे ही इन बौक्सों को खरीद सकते थे.
هذه القصة مأخوذة من طبعة November Second 2022 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة November Second 2022 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"