एक दिन पेप्पी अपने बच्चों के लिए दाना चुगने गई थी. जब वह दाना ले कर वापस लौटी तो उस ने देखा कि खोह में से तीनों बच्चे गायब थे.
"मेरे बच्चे कौन खा गया, कहां चले गए? वे तो उड़ना भी नहीं जानते, अब मैं उन्हें कहां ढूंढूं?"
तभी वहां कोको कोयल आई और पेप्पी से बोली, "तुम्हारे बच्चों को एक इंसान उठा कर ले गया है. जब बच्चों के रोने की आवाज सुनी तो मैं ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उस ने मुझे बहुत मारा."
कोको ने उसे अपना टूटा पंख दिखाया.
"मुझे दुख है कोको. मेरे कारण तुम्हें इतनी चोट लगी."
"नहीं पेप्पी, ऐसी कोई बात नहीं है. एकदूसरे की मदद करनी चाहिए. मेरी चोट तो ठीक हो जाएगी, लेकिन हमें बच्चे खोजने की जरूरत है."
"न जाने मेरे बच्चे कहां होंगे और किस हाल होंगे?" पेप्पी की आंखों में आंसू आ गए.
"रोने से कुछ नहीं होगा. जाओ, जा कर मोंटी बंदर की मदद लो. वह अकसर शहर जाता रहता है. जरूर वह तुम्हारे बच्चे ढूंढ़ कर ला सकता है."
"तुम ठीक कहती हो. मैं अभी उस के पास जाती हूं."
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