7 मार्च, 2023 को दोपहर 2 बज कर 10 मिनट पर पीसीआर द्वारा सेंट्रल दिल्ली के थाना कमला मार्किट को सूचना दी गई कि जी.बी. रोड ( श्रद्धानंद मार्ग) पर स्थित कोठा नंबर 52 में किसी ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी हैं, जिस में एक महिला और एक युवक घायल हो गए हैं. जल्दी घटनास्थल पर पहुंचें.
यह काल ड्यूटी अफसर एएसआई मीनू बाला ने अटेंड की. उन्होंने तुरंत इसे एसआई नूर हसन खान को बता कर उचित निर्णय लेने के लिए कह दिया.
अपनी रवानगी जी.बी. रोड के लिए दर्ज करने के बाद एसआई नूर हसन खान, हैडकांस्टेबल धर्मेंद्र को साथ ले कर जी.बी. रोड के लिए रवाना हो गए.
घटनास्थल ज्यादा दूर नहीं था. 10 मिनट में ही एसआई नूर हसन खान कोठा नंबर 52 पर पहुंच गए.
दिल्ली का जी.बी. रोड रेड लाइट एरिया है, यहां जिस्म का बाजार लगता है. मनचले शौकीन लोग कामना की भूख शांत करने के लिए इस बाजार की सीढ़ियां नापते हैं. दिन में तमाशबीन कोठों के छज्जों पर जिस्म की नुमाइश करने वाली वेश्याओं को ललचाई नजरों से देख कर आहें भरते रहते हैं. जिन की जेब में नोटों की गरमी होती है, वह पसंद आने वाली वेश्या को बाहों में भरने के लिए कोठे की सीढ़ियां चढ़ने में संकोच नहीं करते. पहले रात को तो यहां पूरी रौनक होती थी, घुंघरुओं की खनक और तबलों की धमक से कोठे गूंजते रहते. मुजरे की महफिलें सजतीं, जाम छलकते और नर्तकी अपने नृत्य व अदा से लोगों का दिल जीतने की कोशिश करती थी, लेकिन यहां के कोठों में मुजरा तो लगभग बंद ही हो चुका है. अब तो मुख्य धंधा जिस्मफरोशी का ही रह गया है.
एसआई नूर हसन खान और हैडकांस्टेबल सीढ़ियां चढ़ कर ऊपर आए. दरवाजे के साथ वाले कमरे में खून बिखरा हुआ था, सीढ़ियों पर और सामने वाले कमरे में भी ताजा खून पड़ा था. जो लोग गोली लगने से घायल हुए थे, वे वहां नहीं थे.
एक वेश्या और दलाल को लगी गोली
पुलिस को ऊपर आया देख कर इस कोठे की संचालिका पार्वती उन के सामने आ गई.
“घायल कहां है?" एसआई नूर हसन खान ने कोठा संचालिका को ऊपर से नीचे तक देख कर पूछा.
"उन्हें पीसीआर वैन एलएनजेपी हौस्पिटल ले गई है. मेरी बेटी सलोनी की हालत बहुत खराब है साहब." पार्वती रुआंसी आवाज में बोली, "मैं वहीं जा रही थी कि आप आ गए.
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 2023 من Manohar Kahaniyan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 2023 من Manohar Kahaniyan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
तांत्रिक के बहकावे में दी बेटी की बलि
मामला मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र का है. यहां बेलदा गांव में रहने वाला गोपाल कश्यप और उस की बीवी ममता पर अपनी एक माह की बेटी की बलि देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
दूसरे धर्म के प्रेमी ने की हत्या
सलीम नाम के युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर 19 साल की अपनी प्रेग्नेंट प्रेमिका की हत्या कर शव दफना दिया. को खुलासा तब हुआ, जब 26 अक्तूबर किशोरी का शव बरामद किया गया.
बीवी की हत्या से खुला दोस्त की पत्नी की हत्या का राज
बीवी ब्यूटीशियन और पति एक नंबर का नशेड़ी और बेशर्म. ऊपर निकम्मा व बेरोजगार. आखिर कितने दिन निभती. उन की जिंदगी के मैदान से ले कर मन तक में भी कोहराम मच गया था.
भाई ने कर दी भाई की हत्या
भाभी का देवर से हंसीमजाक बहुत ही 'सामान्य बात है, किंतु यही जब अवैध संबंध में बदल जाता है, तब मानो दोनों के सिर से पानी गुजरने जैसी स्थिति बन जाती है.
हनीट्रैप गैंग में ऐसे फंसते थे लोग
जेल से छूटने के बाद फिरोज ने 7 लोगों के साथ हनीट्रैप का एक गैंग बना लिया था. गैंग में शामिल निशा और जुनैदा फोन से नए लोगों से बात कर दोस्ती करतीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए किसी होटल में बुलाती थीं. इस के आगे का काम गैंग के अन्य सदस्य करते थे. फिर शुरू होती थी शिकार से लाखों रुपए की वसूली. आप भी जानें कि ऐसे गैंग से कैसे बचा जाए?
बड़ौदा के महाराजा का जहरीला कारनामा
बड़ौदा के 11वें शासक मल्हारराव गायकवाड़ के शासन में गुंडागर्दी और अराजकता चरम पर पहुंच गई थी. तब अंगरेज शासकों ने राबर्ट फेयर को रेजीडेंट के रूप में नियुक्त किया. लेकिन मल्हारराव ने जिस तरह राबर्ट फेयर को मारने की कोशिश की, वह उन्हीं के गले की ऐसी फांस बन गई कि .....
महानगरों में जड़ें जमाता ड्रग्स का कारोबार
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर सुशासन क दुहाई देने वाली भाजपा की सरकार लंबे समय से है. इस के बावजूद इस राज्य के बंदरगाह पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जा रही है. यहीं से ड्रग्स अन्य राज्यों में पहुंचाई जाती है. महानगरों के युवा बड़ी तेजी से ड्रग्स की गिरफ्त में आखिर क्यों आते जा रहे हैं?
साधु के भेष में मिला 300 करोड़ का घोटालेबाज
300 करोड़ रुपए का घोटाला कर एक क्रेडिट सोसाइटी का डायरेक्टर साधु बन कर मंदिरों में प्रवचन करने लगा. पुलिस की आंखों में 14 महीने से धूल झोंक रहे इस नटवरलाल को दबोचने के लिए आखिर कैसा कैसा चोला धारण करना पड़ा? पढ़िए, इस रोचक कहानी में....
इश्क में अंधे वकील ने ली बीवी की जान
कहने को तो विशाल चौहान कानून का रखवाला था, लेकिन उस ने बीवी बच्चों के रहते न सिर्फ छोटे भाई की पत्नी को फांस रखा था, बल्कि दोस्त की बहन से शादी करने की तैयारी कर रहा था. एक ने वकील होते हुए उस ने कानून तोड़ने का जो दुस्साहस किया था, उस के अंजाम में उस की 35 वर्षीय पत्नी वर्षा गोलियों का शिकार हो गई. आखिर किस कदर बिछती चली गई जुर्म की बिसात? पढ़ें, सब कुछ इस कथा में....
विवाहिता के प्यार में 4 हत्याएं
सरकारी टीचर सुनील गौतम अपनी पत्नी पूनम भारती और 2 बेटियों के साथ अमेठी में रहता था. वह अपने काम से काम रखता था. फिर एक दिन किसी ने सुनील, उस की पत्नी और दोनों बेटियों को घर में घुस कर गोलियों से भून डाला. आखिर कौन था हत्यारा और क्यों की उस ने ये हत्याएं ?