आमिर खान की 11 अगस्त, 2022 को सिनेमाघरों में पहुंची फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' मौलिक फिल्म नहीं है, बल्कि साल 1994 में रिलीज हुई अमेरिकन फिल्म 'फौरैस्ट गंप' का भारतीयकरण है, जो मंदबुद्धि फौरैस्ट गंप नामक एक इनसान की बचपन से पिता बनने तक की एडवेंचर्स कहानी है.
कहानी
यह कहानी पठानकोट से ट्रेन में बैठे लाल सिंह चड्ढा (आमिर खान) से शुरू होती है, जो अपने बचपन से कहानी सुनाना शुरू करता है. उस के बचपन की कहानी के साथ ही देश में घट रही घटनाएं भी सामने आती रहती हैं.
यह कहानी पठानकोट के एक गांव में जनमे लाल सिंह चड्ढा की है, जो अपने नाना के ही घर में अपनी मां (मोना सिंह) के साथ रह रहा है और ठीक ढंग से चल नहीं पाता है. डाक्टरों ने उस के पैर में लोहे की छड़ बांध कर सहारा दे रखा है.
लाल सिंह चड्ढा का आईक्यू लैवल काफी कम है, इसलिए उसे काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. स्कूल का प्रिंसिपल उस की मां से बेटे लाल सिंह चड्ढा के मंदबुद्धि होने के चलते मंदबुद्धि वाले स्कूल में पढ़ाने की बात कहता है, पर लाल सिंह चड्ढा की मां की जिद के आगे वह झुक जाता है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة September First 2022 من Saras Salil - Hindi.
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