लेकिन ऐसा करना उस के लिए आसान नहीं था, क्योंकि वह बाल विवाह की बेड़ियों में जकड़ी जा चुकी थी, जिसे 18 साल बाद राजस्थान में जोधपुर की एक गैरसरकारी संस्था 'सारथी ट्रस्ट' की समाज सेविका डाक्टर कृति भारती ने आजादी दिलवाई है और अब वह टीचर बनने का सपना पूरा कर पा रही है.
पढ़ाई की अनमोल देन
दरअसल, 21 साल की समता का साल 2003 में ओसियां तहसील के रहने वाले एक नौजवान के साथ बाल विवाह करवा दिया गया था. तब समता की उम्र महज ढाई साल थी.
कुछ साल पहले समता की ससुराल वाले गौना कर विदा करने का लगातार दबाव बनाने लगे, जिस से बीऐड की पढ़ाई कर रही समता को खुद के टीचर बनने का ख्वाब टूटता दिखा और वह डिप्रैशन में आ गई, क्योंकि जिस के साथ उस का ब्याह हुआ था, वह भी मजदूरी कर रहा था और समता ऐसे परिवार में जाना नहीं चाह रही थी.
समता के इस डिप्रैशन की हालत में उस की सहपाठी रेखा मेघवाल ने हौसला दिया और सोशल मीडिया का सहारा ले कर 'सारथी ट्रस्ट' की समाज सेविका डाक्टर कृति भारती की बाल विवाह निरस्त मुहिम की जानकारी जुटाई. इस के बाद डाक्टर कृति भारती से मुलाकात कर समता ने अपनी पीड़ा बताई.
समाज सेविका डाक्टर कृति भारती की मदद से समता ने जोधपुर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त की गुहार लगाई और लगातार कोशिश से उसे अपनी ससुराल वालों से छुटकारा मिला और अब वह अपने सपनों को पूरा करने में जुटी है.
कुप्रथाओं का हल मुमकिन
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