अपराह्न के साढ़े 3 बजे थे. कुलदीप के ट्यूशन जाने का समय हो गया था लेकिन अब तक वह दोस्तों के साथ खेल कर घर नहीं आया था. घर वालों ने कुलदीप को तलाशना शुरू किया, लेकिन उस का कोई पता नहीं चला.
कुलदीप ताजमहल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध आगरा के थाना इरादत नगर के गांव हरजूपुरा निवासी किराना व्यापारी गब्बर सिंह का 9 वर्षीय बेटा था. गांव में जब वह कहीं नहीं मिला तो घर वालों को चिंता सताने लगी. कुलदीप दोपहर में गांव के मंदिर के पास अपने दोस्तों के बीच खेलने को कह कर गया था. वह गांव में आयोजित एक तेरहवीं के भोज में भी देखा गया था. इस के बाद उस का कोई पता नहीं चला. यह बात 23 जनवरी, 2022 की है.
उन दिनों उत्तर प्रदेश में चुनावी शोरगुल चल रहा था. गांव में चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी, उन के कार्यकर्ता आजा रहे थे. ऐसी आशंका व्यक्त की गई कि कुलदीप कहीं चुनाव पार्टी वालों के साथ तो दूसरे गांव में नहीं चला गया?
कई घंटे तक तलाश करने के बाद भी जब कुलदीप का पता नहीं लगा तब घर वालों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर कुलदीप की तलाश शुरू कर दी. किराना व्यापारी के मासूम बेटे कुलदीप के अचानक लापता होने से गांव वाले भी परेशान थे.
कुलदीप को लापता हुए 6 दिन हो गए थे. गांव वालों के साथ घर वाले तथा पुलिस की 4 टीमें भी उस की तलाश में लगीं थीं. इस के साथ ही सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखने के साथ ही रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर भी एक टीमें लगाई गईं.
उस दिन गांव में आयोजित तेरहवीं के भोज में बड़ी संख्या में लोग आए थे. कुलदीप को साथ के बच्चों ने तेरहवीं में जाते हुए देखा था. तेरहवीं में आए लोगों की सूची बनाने का काम पुलिस की एक टीम ने शुरू कर दिया.
इन दिनों प्रत्याशी विधानसभा चुनाव के लिए गांव में वोट मांगने आ रहे थे. दबाव बनाने के लिए परिवार के लोगों के साथ ही ग्रामीणों ने उन से लापता बालक कुलदीप को ढूंढ कर लाने पर ही मतदान करने की शर्त भी रखी थी.
هذه القصة مأخوذة من طبعة July 2022 من Satyakatha.
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