उत्तर प्रदेश के जनपद औरेया के जिला जज (पोक्सो) की कोर्ट में उस दिन सुबह के 10 बजतेबजते काफी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए थे. वह दिन था बुधवार और उस दिन तारीख थी 22 जून, 2023. उस दिन वहां पर वकीलों, आम नागरिकों एवं पत्रकारों की काफी भीड़ जमा हो चुकी थी.
भरी अदालत में सब की जुबान पर एक ही चर्चा थी कि देखो अब 8 वर्षीय गौरी के रेप और हत्या के मामले में आज क्या अंतिम फैसला होता है.
अभियोजन पक्ष के वकील और पैरोकारों को अपनी काबीलियत पर पूरापूरा भूरोसा था कि अभियुक्त गौतम दोहरे को इस मामले में आज अवश्य कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.
अभियुक्त की ओर से कोई वकील नहीं था. किसी भी वकील ने इस केस को लड़ने ही सहमति नहीं जताई थी, इसलिए अभियुक्त गौतम दोहरे को एक सरकारी वकील उपलब्ध कराया गया था, जिसे यह पता भी था कि वह चाहे कितने सबूत जुटा लें, कितनी जिरह कर लें, पर उन के मुवक्किल को अब कोई भी नहीं बचा सकता.
तकरीबन 10 बजे जिला जज (पोक्सो) मनराज सिंह अपने चैंबर से निकल कर अदालत में दाखिल हुए. उन के अदालत में प्रवेश करते ही उन के सम्मान में वहां उपस्थित लोग अपने स्थानों पर खड़े हो गए.
जज महोदय के अपनी कुरसी पर बैठने के बाद पूरी अदालत में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया था. पेशकार ने जज महोदय के सामने केस की फाइल रखी. जज का आदेश पाते ही सरकारी वकील हरिशंकर शर्मा ने अपनी आखिरी दलील पेश करते हुए कहा, "मी लार्ड, मैं आप की अदालत में अब तक 13 गवाहों को पेश कर चुका हूं. जिन सभी के बयानों से साफ जाहिर है कि अभियुक्त गौतम दोहरे द्वारा पहले मासूम गौरी का रेप किया गया और उस के बाद उस की हत्या की गई. मैं माननीय अदालत से अभियुक्त गौतम दोहरे के लिए फांसी की मांग करता हूं."
هذه القصة مأخوذة من طبعة August 2023 من Satyakatha.
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