मु झे याद है, जब मैं छोटी थी, यानी कोई 10-11 साल की रही होंगी, तब पिता जी बाल कहानियों की एक किताब लाए थे, जो उन दिनों बच्चों को बहुत पसंद थी। यह वह जमाना था, जब मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर आदि नहीं थे। सिर्फ तारों से जुड़े टेलीफोन थे। बच्चे कहानियों की किताब पाकर प्रसन्न हो जाते थे। ऐसी ही किताब जब मुझे गर्मियों की छुट्टी में मिली तो उसमें मैंने एक कहानी पढ़ी, जिसमें एक लाला जी का परिवार पहाड़ों पर छुट्टी मनाने जा रहा था। उनके साथ परिवार के लोग उतने नहीं थे, जितना सामान था तीन सूटकेस (ध्यान रहे, उन दिनों सूटकेसों में पहिये नहीं होते थे), एक बिस्तरबंद, फलों की एक टोकरी, चार डिब्बों का खाने का टिफिन, पानी से भरी एक सुराही, एक पान - दान और तोते का एक पिंजरा । उस कहानी को पढ़ते हुए मजा तो बहुत आया, पर उनका सामान देखकर आश्चर्य बिल्कुल नहीं हुआ, क्योंकि उस समय अधिक सामान के साथ यात्रा करना आम बात थी। कुली भी मिल जाया करते थे। यात्रा अधिकतर ट्रेन द्वारा होती थी। लेकिन अभी कुछ समय पहले जब मैं एक दार्शनिक स्थल मैं पर घूमने गई, तब मैंने देखा कि एक परिवार काफी सामान के साथ सफर कर रहा था। तब मुझे जरूर आश्चर्य हुआ कि इतना सामान क्यों लेकर चले हैं, जबकि सभी चीजें रास्ते भर आसानी से उपलब्ध हैं।
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?