उम्र, आराम और व्यायाम
Rupayan|November 17, 2023
अक्सर कई लोग एक दिन में ही इतनी एक्सरसाइज कर लेते हैं कि अगले दिन उनकी हिम्मत जवाब दे जाती है। ऐसे में उम्र के हिसाब से अपने शरीर की जरूरतों को जानना जरूरी है। व्यायाम हर उम्र की महिला और बच्चे के लिए जरूरी है, लेकिन सवाल यह है कि कितनी देर और कौन-से व्यायाम?
डॉ. सुनीता शर्मा
उम्र, आराम और व्यायाम

सामान्यतः रोजाना 20 से 45 मिनट व्यायाम करना चाहिए। अगर रोज संभव न हो तो आप सप्ताह में तीन या दो दिन व्यायाम करने की दिनचर्या बना सकती हैं।

व्यायाम, यानी शरीर के अंगों को गति देना। व्यायाम से आप शारीरिक क्षमता को बढ़ा सकती हैं और अपने सभी अंगों को दुरुस्त रख सकती हैं। आपको फिट रहने के लिए बस थोड़ी-सी कसरत की आवश्यकता होती है। हकीकत यह है कि घर पर कसरत करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता, बस आपको स्वस्थ मानसिकता की जरूरत होती है। आप अपने शरीर को मजबूत, तेज और फिट बना सकती हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और कैलोरी को जलाकर आपको फिट तथा स्मार्ट बनाता है। यदि आप तनावमुक्त जीवन जीना चाहती हैं या फिर अपनी एकाग्रता में सुधार करना चाहती हैं, तो नियमित व्यायाम को जिंदगी का हिस्सा बना लें। आपको कम से कम 20 से 45 मिनट का अभ्यास रोज करना चाहिए। व्यायाम जब दैनिक अभ्यास के रूप में किया जाता है तो। वह ढीली मांसपेशियों को मजबूत कर देता है और आपका शरीर दिन भर के लिए तैयार हो जाता है।

هذه القصة مأخوذة من طبعة November 17, 2023 من Rupayan.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة November 17, 2023 من Rupayan.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من RUPAYAN مشاهدة الكل
शाप भी देते हैं पितर
Rupayan

शाप भी देते हैं पितर

धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
Rupayan

हर तिथि का अलग श्राद्धफल

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
Rupayan

पितृदोष में पीपल की परिक्रमा

शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
पिंडदान के अलग-अलग विधान
Rupayan

पिंडदान के अलग-अलग विधान

व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
पितृपक्ष में दान
Rupayan

पितृपक्ष में दान

भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
Rupayan

जैसी श्रद्धा, वैसा भोज

पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
स्त्रियों को भी है अधिकार
Rupayan

स्त्रियों को भी है अधिकार

यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
निस्संतान के श्राद्ध की विधि
Rupayan

निस्संतान के श्राद्ध की विधि

शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024
पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान
Rupayan

पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान

पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।

time-read
1 min  |
September 13, 2024
किस दिशा से पितरों का आगमन
Rupayan

किस दिशा से पितरों का आगमन

पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

time-read
2 mins  |
September 13, 2024