हर शहर में सौंदर्य प्रसाधनों से सजी दुकानें और उनमें खरीददारी करती ढेरों महिलाएं। आपको यह दृश्य लगभग हर शहर में देखने को मिल जाएगा। आज सभी अपने लुक को लेकर बहुत सजग हो गए हैं, लेकिन इतनी कॉस्मेटिक्स का बिकना केवल लुक का मामला है या फिर कोई मजबूरी? जो लोगों को इस प्रदूषण में त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने का भ्रम पैदा कर रही हैं। क्या वे वाकई काम करती हैं? बढ़ते प्रदूषण और हवाओं में घुलते जहर ने आज समय से पहले त्वचा पर बुढ़ापे का असर ला दिया है। आंखों के नीचे काले धब्बे, एक्ने और बालों से संबंधित समस्याओं को बढ़ा दिया है। 'द बॉम्बे स्किन क्लिनिक' के संस्थापक और चर्चित त्वचा विशेषज्ञ, डॉ. बतुल पटेल अपने एक लेख में लिखते हैं, "प्रदूषण में मौजूद बारीक कण उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप चेहरे पर झुर्रियां और महीन रेखाएं दिखने लगती हैं, ऐसा लगता है मानो समय से पहले उम्र बढ़ गई हो।"
प्रदूषण का असर सेहत और शरीर की सुंदरता पर तो पड़ता है, यह हमारे बजट को भी प्रभावित कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता जितनी खराब है, वहां सौंदर्य प्रसाधन पर महिलाओं का खर्च उतना ही ज्यादा है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचेम) द्वारा पिछले साल जारी एक व्यापक सर्वेक्षण बताता है कि दिल्ली में युवा पुरुष और महिलाएं अन्य महानगरीय में शहरों में अपने समकक्षों की तुलना में सौंदर्य प्रसाधन पर अधिक खर्च कर रहे हैं।
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
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पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
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आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
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इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?