बोलचाल में एक जुमला बेहद आम है - 'अरे यार, बोर हो गए!' सवाल उठता है कि कोई बोर क्यों होता है और इसका इलाज क्या है! दरअसल, यह एक पेचीदा सवाल है, जिसका कोई एक सटीक जवाब नहीं है और न हो सकता है, क्योंकि इसका सही जवाब तो बोर होने वाले व्यक्ति के ही पास होता है। बोरियत पर किए गए कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बोरियत महसूस करना भी मनुष्य के लिए अच्छा है। हालांकि समाज में बोरियत को नकारात्मक रूप में देखा जाता है, लेकिन कई शोध कहते हैं कि यदि हम बोर नहीं होंगे तो रचनात्मक काम कैसे कर पाएंगे?
1852 में चार्ल्स डिकेंस की किताब 'ब्लीक हाउस' में इस शब्द के छपने के बाद ही यह हमारी भाषा में शामिल हुआ। कनाडा की यॉर्क यूनिवर्सिटी के जॉन ईस्टवुड मानते हैं कि "वास्वत में, बोरियत हमारी जिंदगी से जुड़ी है। बोरियत वो अवस्था है, जब काम करते हुए लगता है कि यह तो बेकार है! बोरियत अक्सर उन लोगों में देखी जाती है, जो कुछ नया करने की तलाश में रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए जीवन का ढर्रा उनका ध्यान बनाए रखने के लिए काफी नहीं होता। इसलिए अगर आप बोरियत महसूस करते हैं तो यह आपके लिए काम की बात साबित हो सकती है।" दरअसल, बोरियत ही हमें बताती है कि वर्तमान स्थिति से जुड़ाव कुछ कम-सा हो गया है, इसलिए हमें कुछ संतोषजनक करने की ओर बढ़ना होगा। बोरियत व्यक्ति को गहरे विचारों के लिए प्रेरित करती है। यदि किसी को बार-बार बोरियत महसूस हो रही है तो इसका कारण है कि व्यक्ति निष्क्रिय न रहने के लिए प्रयास तो कर रहा है, लेकिन अपने काम में सफल नहीं हो पा रहा है। असल में, जब हम बोर होते हैं तो हमारे मस्तिष्क में आत्मप्रतिबिंब और रचनात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जो हमें किसी समस्या के नए और बेहतर समाधान तक पहुंचने में मदद कर सकता है। इसलिए बोरियत केवल नकारात्मक नहीं होती, बल्कि यह मानसिक विकास और विचारशील निर्णयों की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकती है।
■ रचनात्मकता की ओर
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?