सुबह जल्दी जागकर मॉर्निंग वॉक पर जाने की सलाह हर घर में हर व्यक्ति को मिली होगी। शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा, जहां सेहतमंद बनने के लिए यह सलाह नहीं दी गई हो ! लेकिन सिर्फ यही एक वजह नहीं है कि मॉर्निंग वॉक पर जाने को कहा जाता है। सुबह जल्दी उठने की आदत से दिन के कुछ घंटे बढ़ जाते हैं, जिससे आपके कई काम आसान हो सकते हैं। इसके अलावा यदि रिश्तों की मजबूती के नजरिये से सुबह की सैर को देखा जाए तो उसके नतीजे भी सकारात्मक होते हैं। सीधी-सी बात है कि भागमभाग भरी इस जिंदगी में जो पति-पत्नी साथ में मॉर्निंग वॉक करते हैं, वे कहीं ज्यादा सुखी और सफल वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं।
हैप्पी हार्मोन की सैर
'ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्यूनिटी हेल्थ जर्नल' की रिपोर्ट के अनुसार, जो कपल 10 सेकंड तक एकदूसरे को गले लगाते हैं, उनकी इम्यूनिटी बढ़ती है। एक-दूसरे से दिल की बात करने से एडेनोसाइन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं। हेल्दी रिलेशनशिप से प्रॉडक्टिविटी बढ़ती है, साथ ही जिंदगी को कामयाब बनाने के लिए प्रेरणा मिलती है। 'हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू' में छपे एक सर्वे में भी यह बात साबित हुई कि जो पति-पत्नी अपने रिश्ते से खुश होते हैं, उन्हें तरक्की जल्दी मिलती है। आप भी अपने रिश्ते में ताजगी को बरकरार रखने के लिए पार्टनर के साथ मॉर्निंग वॉक पर जा सकती हैं या घर में रहकर साथ में एक्सरसाइज कर सकती हैं। कई शोध बताते हैं कि सुबह की सैर हैप्पी हार्मोन का स्राव बढ़ाती है। मॉर्निंग वॉक पर जाने से सेहत बेहतर होती है और आपको अपने पार्टनर के साथ समय बिताने का मौका मिल जाता है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 10, 2025 من Rupayan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 10, 2025 من Rupayan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
11 धार्मिक कॉरीडोर का नगर प्रयागराज
सनातन संस्कृति के उद्भव और विकास की साक्षी प्रयागराज नगरी में तीन पवित्र नदियों की संगम स्थली है तो सृष्टि रचना की कामना के साथ पहला यज्ञ भी यहीं हुआ था। यहां शक्तिपीठ है तो अनादिकाल से अक्षयवट भी है। ऐसे ही अगाध आस्था तथा आध्यत्मिक / सांस्कृतिक महत्व के पुरातन स्थलों का राज्य सरकार द्वारा सौंदर्यीकरण कराया गया है। प्रयागराज एक मात्र ऐसा नगर हैं, जहां 11 धार्मिक कॉरीडोर हैं।
डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र
डिजिटल महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करते हुए इस बार मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन में स्थापित 'डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र' आकर्षण का केंद्र है।
स्वस्थ महाकुम्भ
कड़ाके की ठंड के बीच महाकुम्भ में संगम स्नान की अभिलाषा रखने वाले प्रयागराज आ रहे श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं, कल्पवासियों और पर्यटकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के भी इंतजाम किये गए हैं।
सर्वसुविधायुक्त टेंट सिटी
ठंड में महाकुम्भ में आने वाले हर किसी व्यक्ति की पहली चिंता आवासीय प्रबंध को लेकर होती थी, लेकिन महाकुम्भ 2025 में हर आय वर्ग के लोगों के रहने, खाने-पीने के सुविधाजनक प्रबंध किए गए हैं।
'सनातन के ध्वजवाहक 'अखाड़ों' की दिव्यता-भव्यता ने किया निहाल'
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए अखाड़ों ने संगम में दिव्य अमृत स्नान किया। भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा के साथ पहुंचे नागा साधु, संतों की दिव्यता और करतब देखकर श्रद्धालु निहाल हो उठे। पावन त्रिवेणी में अठखेलियाँ करते नागा साधुओं को देखते ही बन रहा था।
त्रिवेणी स्नान को उमड़ा जनसमुद्र
1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा पर संगम स्नान किया| 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर लगाई आस्था की डुबकी
संस्कृतियों का संगम, एकता का महाकुम्भ
मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य के लोगों संगम में अमृत स्नान किया। कई देश के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।
को कहि सकड़ प्रयाग प्रभाऊ
गंगा-यमुना एवं सरस्वती के संगम पर विराजित प्रयाग सभ्यता के ऊषाकाल से ही भारतीय संस्कृति का अमर वाहक और आधार स्तम्भ रहा है। यह हमारे राष्ट्र तथा संस्कृति की पहचान, प्रतीक व पुरातन परम्परा का निर्वाहक रहा है।
तकनीक का महाकुम्भ
इस बार 'डिजिटल महाकुम्भ' के रूप में परिकल्पना की गई है। अब पूरी दुनिया यूपी की डिजिटल और तकनीक आधारित महाकुम्भ-2025 साक्षी बन रही है। मेले की भव्यता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश सरकार ने पूरे मेले का डिजिटलाइजेशन किया है।
स्वच्छ महाकुम्भ
विश्व के सबसे विराट मानव समागम के स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाये रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। एक ओर जहां पूरे प्रयागराज नगर में 03 लाख पौधे लगाए गए हैं तो दूसरी ओर मेला परिसर को 'सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री रखने का संकल्प है।