जलवायु एवं तापमान
सर्दियों के मौसम में पड़ने वाली ओस इस की खेती के लिए नुकसानदायक होती है. टमाटर के बीज को अंकुरित होने के लिए सामान्यतया 20-25 डिगरी का तापमान पौधे के विकास के लिए अच्छा माना जाता है. जब टमाटर के पौधे का विकास होता है, तो उस के पौधे में फूल खिलते हैं. इन फूलों को में पराग कण और निशेचन क्रिया के लिए अधिकतम 30 डिगरी तापमान और न्यूनतम 18 डिगरी तापमान की आवश्यकता होती है. 38 डिगरी से अधिक तापमान हो जाने की स्थिति में फल व फूल दोनों के ही गिर जाने की संभावना रहती है. टमाटर को लाल रंग प्राप्त करने के लिए तकरीबन 21-24 डिगरी तापमान की आवश्यकता होती है.
जुताई का उपजाऊ तरीका
टमाटर की खेती के लिए खेत की जुताई अच्छे से करना जरूरी है. पहले हुई फसल के अवशेषों को नष्ट करें, जिस के लिए खेत की 2 से 3 तिरछी जुताई कराएं. उस के बाद खेत को 1-2 दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें. इस के बाद उस में गोबर की खाद डाल कर अच्छे से जुताई कर मिट्टी को मिला दें.
ऐसे तैयार करें पौधे
टमाटर के बीजों को सीधा खेत में न उगा कर पहले इन्हें नर्सरी में तैयार किया जाता है, यदि पौधे साधारण किस्म के हैं, तो उन के लिए प्रति हेक्टयेर 400 से 500 ग्राम बीजों की जरूरत होती है. यदि संकर किस्म के पौधे हैं, तो उन में 250 से 300 ग्राम बीज ही काफी होते हैं. तकरीबन 25 से 30 दिन के समय में टमाटर के पौधे खेत में लगाने योग्य हो जाते हैं. खेत में पौधों को लगाने से पहले उन्हें ट्राइकोडर्मा 10x5 ग्राम प्रति लिटर पानी के घोल में 20 से 25 मिनट तक उपचारित कर लेना चाहिए.
उचित मौसम व तरीका
टमाटर की खेती को तो पूरे वर्ष किया जाता है, किंतु उन्हें कब और किस समय लगाना चाहिए, इस पर जरूर ध्यान देना होता है. जैसे सर्दियों और बारिश के मौसम में होने वाली फसल के लिए इस की रोपाई को अगस्त माह के बाद अक्तूबर महीने की शुरुआत में ही कर देना चाहिए. गरमियों और वर्षा वाली फसल के लिए इस की रोपाई को दिसंबर व जनवरी के महीने में कर देना चाहिए. सही समय पर पौधों की रोपाई करने से फसल काफी उपजाऊ होती है.
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