वर्ष 2023 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा भारत के गेहूं उत्पादन क्षेत्रों के लिए ब्रेड गेहूं की 5 किस्में जारी की गईं. इनमें से एक एमएएस व्युत्पन्न किस्म है, एक एचडी 3437 किस्म है, जिस में पत्तियों और स्ट्राइप रस्ट्स के प्रति प्रतिरोधी है और क्रमशः एचडी 3386 व एचडी 3388 किस्में शामिल हैं, जो पश्चिमी मैदानी क्षेत्र और उत्तरपूर्वी मैदानी क्षेत्र की समय पर बोई गई सिंचित स्थितियों के लिए उपयुक्त हैं.
चावल किस्म विकास में अग्रणी
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी भाकृअनुसं बासमती चावल की किस्म के विकास में वैश्विक अग्रणी है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी बासमती किस्मों अर्थात पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1509 और पूसा बासमती 6 ने देश में बासमती चावल के 95 फीसदी से अधिक क्षेत्र को अधिकृत कर लिया है. वर्ष 2023-2024 के दौरान 40,000 करोड़ रुपए का विदेशी मुद्रा में योगदान दिया है.
कम समय में पकने वाली धान की किस्में
धान की पराली जलाने और वायु प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने बासमती में कम समय में पकने वाली धान की किस्में जैसे कि पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1692 और गैरबासमती किस्में जैसे कि पूसा 2090 और पूसा 1824 विकसित और जारी की हैं, जो उक्त समस्या के समाधान में काफी हद तक मदद करेगा.
धान की किस्म पूसा नरेंद्र काला नमक
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने सुगंधित लघु अनाज वाले धान की भूमि प्रजाति वाली पूर्वी उत्तर प्रदेश की किस्म 'काला नमक' में उपज, अपतन की समस्या में सुधार कर 'पूसा नरेंद्र काला नमक' किस्म जारी की है, जो इस क्षेत्र में धान की उपज करने वाले किसानों की लाभप्रदता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.
धान की मैगा किस्मविकसित
هذه القصة مأخوذة من طبعة March Second 2024 من Farm and Food.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة March Second 2024 من Farm and Food.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?