सनातन धर्म में भगवान शिव को देवों के देव कहा गया है। भगवान शिव को भक्त भोलेनाथ, शिवशंकर जैसे अनेक नामों से पुकारते हैं। भोलेनाथ की पूजा करते समय रुद्राभिषेक का बहुत महत्व है। भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष बड़े ही उत्साह, उमंग के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर शिव भक्त अपने आराध्य देव की विशेष पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, रुद्राभिषेक का सीधा अर्थ है शिव के रुद्र रूप का अभिषेक करना। भक्तगण भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि और सावन महीने में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को अपने जीवन की परेशानियों से जल्दी छुटकारा मिलता है और व्यक्ति का ग्रह जनित कुंडली दोष भी दूर होता है। रुद्राभिषेक करने से महादेव भी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
इसलिए किया जाता है रुद्राभिषेक
रुद्राष्टध्यायी के अनुसार, शिव ही रुद्र हैं और रुद्र ही शिव हैं। शास्त्रों में लिखा है कि 'रुस्तम् दुःखम् द्रावयति नाश्यतीतिरुद्रः' जिसका अर्थ है कि शिव अपने भक्तों के सभी दुखों को हरकर उनका नाश करते हैं। इसलिए शिव का रुद्राभिषेक करने मात्र से भक्तगणों की कुंडली में स्थित अशुभ दोष जल्दी खत्म हो जाते हैं। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि शिवपुराण में एक और श्लोक के द्वारा भोलेनाथ के रुद्राभिषेक का महत्व बताया गया है, 'सर्वदेवात्मको रुद्रः सर्वे देवाः शिवात्मका:'।
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2024 من Sadhana Path.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2024 من Sadhana Path.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।