कया आप जानते हैं कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका असर आपके पूरे शरीर पर पड़ता है। इस बीमारी को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। आजकल तो हमारे देश में काफी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और दिनोदिन इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसकी वजह से आंखें कमजोर हो जाती हैं, बॉडी की इम्युनिटी कम होने लगती है, हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं, भूख ज्यादा लगती है, बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होती है आदि। यानी यूं कहें कि कई समस्याओं का शरीर को सामना करना पड़ता है। डायबिटीज है तो उसको कंट्रोल करने के लिए नियमित दवाओं का सेवन, टहलना व एक्सरसाइज तो जरूरी है ही, पर इसके साथ-साथ खान-पान पर भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है। डाइबिटोलॉजिस्ट हिदायतें तो देते ही हैं, पर सवाल उठता है कि इसके अलावा खान-पान में ऐसी किन चीजों को शामिल करें, ताकि शुगर कंट्रोल में रहे। यह बता रही हैं न्यूट्रीनिस्ट श्रेया कत्याल।
1. दालचीनी
श्रेया कहती हैं कि डेढ़ से दो चुटकी दालचीनी पाउडर का सेवन शुगर वालों को प्रतिदिन करना चाहिए। एक चुटकी दालचीनी पाउडर को एक कप पानी में उबालें और प्रातः खाली पेट पी लें। एक चुटकी दालचीनी पाउडर को पानी में उबालकर या चाय में डालकर शाम को लें। इसके सेवन से हाई शुगर लेवल काफी कंट्रोल में जाता है, यानी पूरे दिन में एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. मेथीदाना
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पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
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माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
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आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -