24 वर्षीया खूबसूरत मराठी अभिनेत्री संचिता कुलकर्णी ने मराठी सीरीज 'प्रीती पारी तुझ्यावरी' में अभिनय कर प्रसिद्धि हासिल की और कई फिल्मों में काम किया. संचिता की मां प्राजक्ता कुलकर्णी एक बेकरी चलाती हैं जबकि उन के पिता क्रिकेट प्लेयर के साथसाथ सरकारी नौकरी भी करते थे.
कामकाजी परिवार में पैदा हुई संचिता को शुरू से क्रिएटिव या मीडिया में काम करने की इच्छा रही, जिस में उन के मातापिता ने खूब सहयोग दिया. अभी वे सोनी मराठी पर 'सुंदर आमचे घर' में काव्या की भूमिका निभा रही हैं. व्यस्त शूटिंग के बीच संचिता ने हम से बात की.
आप को अभिनय क्षेत्र में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
अभिनय में आना एक इत्तफाक था क्योंकि मैं ने कभी भी फिल्मों में अभिनय की बात नहीं सोची थी लेकिन क्रिएटिव या मीडिया फील्ड में काम करने की इच्छा थी. वहीं से मेरी जर्नी शुरू हुई. परिवार में कोई भी इस क्षेत्र में नहीं था.
मुंबई कैसे आना हुआ?
मैं नागपुर की हूं, वहीं मेरी परवरिश हुई, लेकिन इस क्षेत्र में आने के लिए परिवार का सहयोग बहुत मिला है. सभी की सोच प्रोग्रेसिव रही. मैं और मेरी बहन के लिए किसी प्रकार की रोकटोक नहीं थी. मेरी मां मेरी आदर्श हैं, मेरे पिता ने भी हमेशा मुझे अपने मनमुताबिक कैरियर बनाने की आजादी दी है पर हमेशा सचाई के साथ रहने की सलाह दी. इसलिए मेरे कैरियर के चुनाव में परिवार का बहुत बड़ा योगदान होने की वजह से मैं अभिनय के क्षेत्र में आने के बारे में सोच पाई.
परिवार का रिऐक्शन क्या था?
पहली बार जब मैं ने अभिनय की बात पेरैंट्स से कही तो उन का रिऐक्शन बहुत ही नौर्मल था. मैं ने बिजनैस मैनेजमैंट में अपनी पढ़ाई पूरी की क्योंकि शिक्षा को पूरा करना मेरे लिए जरूरी था. इस के अलावा पेरैंट्स ने कहा कि सफलता और असफलता दोनों को पचाने की शक्ति मुझे होनी चाहिए. किसी में मैं मायूस या टूट नहीं सकती. इसलिए काम करना आसान हो गया था. हालांकि आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने उन्हें बहुत बार समझाया कि फिल्म में मेरा काम करना ठीक नहीं, कैरियर के लिए इस का चुनाव गलत है लेकिन उन का मना करना ही मेरे लिए चुनौती बनी.
هذه القصة مأخوذة من طبعة August 2022 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة August 2022 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.