शिफ्ट में काम करना पड़ न जाए भारी
Mukta|April 2023
आज के समय में काम करने के तौरतरीकों में काफी बदलाव आया है, क्योंकि बाजार हर समय गति में है. हर समय काम करते रहना इस गति को संतुलित करता है. लेकिन इस सब से काम कर रहे कर्मचारियों की लाइफस्टाइल में समस्याएं आने लगी हैं.
दीपिका शर्मा
शिफ्ट में काम करना पड़ न जाए भारी

अमन ने एक महीने पहले नई नौकरी जौइन की जिस में उसे शिफ्ट में काम करना पड़ता था. नौकरी से तो वह खुश था लेकिन जाने क्यों कुछ दिनों से बड़ी ही बेचैनी महसूस कर रहा था. कभी एकदम से पसीने में तर हो जाता तो कभी नींद न आती और अजीबअजीब से खयाल आने लगते, जिस की वजह से वह बहुत परेशान रहने लगा.

वह डाक्टर के पास गया तो डाक्टर ने बताया कि इस का कारण शिफ्ट में काम करना है, जिस को ठीक करने के लिए उसे अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने होंगे क्योंकि हमारे शरीर के काम करने की एक प्रक्रिया होती है जो बौडी साइकिल की तरह काम करती है, जैसे हमारे खानपान, शारीरिक गतिविधियों, नींद का समय सब हमारे शरीर की गतिविधियों पर आधारित होता है.

समयसमय पर रूटीन बदलना मोटापे की संभावना बढ़ाता है. इस से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, मूड स्विंग होता है और कब्ज व पेट की परेशानी जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. मोटर वाहन दुर्घटनाओं और काम से संबंधित दुर्घटनाओं का तो खतरा रहता ही है, सब से बड़ी बात कि पारिवारिक समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है. बहुत से मामलों में से में पतिपत्नी के बीच संबंधों में खटास आती जिस के चलते तलाक की नौबत तक आ जाती है.

अमेरिका की न्यूरोसाइंटिस्ट फ्रैंक कहती हैं, "डेली रूटीन की साइकिल बिगड़ने से हम कई रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं, इसीलिए जो लोग शिफ्ट में काम करते हैं उन्हें अकसर स्वास्थ्य संबंधित चिंताएं होने लगती हैं."

هذه القصة مأخوذة من طبعة April 2023 من Mukta.

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