वैसे तो भारत समेत दुनियाभर में अपनों से प्यार जताने के लिए किसी खास दिन या मौके की जरूरत नहीं होती. हम छोटेछोटे ऐक्शन से भी हर वक्त अपने प्यार का इजहार करते ही रहते हैं लेकिन साल में कुछ खास दिन इस के लिए तय किए गए हैं. जिसे वैलेंटाइन वीक के नाम से मनाया जाता है. जोकि 7 से 14 फरवरी तक सैलिब्रेट किया जाता है. इस के लिए युवाओं में अच्छाखासा क्रेज देखा जाता है. खासकर कपल्स में, जोकि इन दिनों में एकदूसरे को तरहतरह के गिफ्ट्स दे कर अपने प्यार का इजहार करते हैं.
भारतीय समाज में प्यार को हमेशा से ही गलत निगाह से देखा जाता रहा है. ऐसे में समलैंगिकों के लिए प्यार का इजहार और भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से चल रहे एलजीबीटीक्यू आंदोलनों ने समाज में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की है. इसी का परिणाम है कि कानूनी तौर पर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है.
और अब तो सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिकता पर बहस के बाद यह साल भारतीय समलैंगिक जोड़ों के लिए भी खास रहेगा क्योंकि बेशक सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया है लेकिन इस माध्यम से समलैंगिकता के प्रति लोगों का पौजिटिव व्यू देखने को मिला.
वर्तमान स्थिति
एलजीबीटीक्यू मूवमैंट के बाद लोगों का एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी की तरफ नजरिया बदला और उन के हितों की बात पर ध्यान दिया जाने लगा.
2021 में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी एलजीबीटीक्यू लोगों के अपने यौन रुझान या अपनेआप को ओपनली एक्प्रेस करने को ले कर कोई परेशानी नहीं महसूस करती.
هذه القصة مأخوذة من طبعة February 2024 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة February 2024 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.