बात पुरानी नहीं है. इसी साल जनवरी में जब फिल्म अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 20 किलोमीटर दूर वेरुल गांव में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचीं तो कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए थे. सवाल धर्म के थे कि एक मुसलिम हो कर आखिर सारा को मंदिर दर्शन की क्या जरूरत आ पड़ी. कई तरह के ट्रोल का सामना सारा को करना पड़ा था. ट्रोल करने वाले हिंदू भी थे और मुसलिम भी यह वह समय था जब राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा की जा रही थी.
उस दौरान सारा ने जवाब देते हुए कहा था कि चूंकि उस के पिता मुसलिम हैं और मां हिंदू हैं तो यह उन की इच्छा है कि वे चाहे जहां भी जाएं. बात सही है. धर्म निजी सब्जैक्ट है. किसी दूसरे के कहने से उपासना और आस्था तय नहीं की जानी चाहिए. ऐसा नहीं है कि यह पहली दफा था कि वे किसी मंदिर गईं, इस से पहले वे केदारनाथ और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर जाती रही थीं. बल्कि, अपनी हर फिल्म से पहले वे मंदिर दर्शन जरूर करती आई हैं जिस पर काफी हल्ला मचता रहा है.
29 साल की सारा अली खान का मामला उन से लगभग 3 साल छोटी एक खूबसूरत ऐक्ट्रैस अलाया फर्नीचरवाला की ही तरह सा है. जैसे अलाया की मां पूजा बेदी एक हिंदू ऐक्ट्रैस रहीं और पिता फरहान अब्राहिम एक मुसलिम बिजनैसमैन हैं. इन की भी शादीशुदा जिंदगी एक मोड़ पर आ कर टूट गई और वे अलग हो गए ठीक वैसे ही जैसे सारा के मौमडैड सैफ और अमृता की टूटी.
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