सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी

सोशल मीडिया का इस्तेमाल आज हर कोई कर रहा है. किसी को भी दुनिया को कोई मैसेज देना है तो वह सोशल मीडिया पर ही पहुंच रहा है. लेकिन सोशल मीडिया के साइड इफैक्ट के बारे में कोई बात नहीं कर रहा. इस का उपयोग लोगों के सामाजिक व्यवहार को बदल रहा है. कई लोग दोस्तों के साथ बिताए जाने वाले समय की जगह सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. युवा वयस्क जो सोशल मीडिया का सब से अधिक उपयोग करते हैं, उन में अवसाद के लक्षण दिखने की संभावना काफी अधिक होती है.
साफ लक्ष्य और उद्देश्य तय करें: अपनेआप से पूछें कि आप सोशल मीडिया से दूर क्यों रहना चाहते हैं. समझें कि सोशल मीडिया पर काम करना आप के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है. चाहे वह काम पढ़ाई, रिश्ते या मानसिक शांति के लिए हो, एक स्पष्ट उद्देश्य आप के लिए प्रेरणा का काम करेगा.
सीमाएं तय करें: तय करें कि आप कितना समय या कौन से प्लेटफौर्म इस्तेमाल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, प्रतिदिन x0 मिनट तक सीमित करें या सप्ताह के दिनों में पूरी तरह से बचें.
ऐप टाइमर और डिजिटल वेलबीइंग फीचर्स का उपयोग करें: अपने फोन में ऐप टाइमर सेट करें. अधिकांश स्मार्टफोन में डिजिटल वेलबीइंग फीचर्स होते हैं जो यह ट्रैक करते हैं कि आप ऐप्स पर कितना समय बिता रहे हैं और उसे वे सीमित कर सकते हैं. Forest या Stay Focusd जैसी ऐप्स का उपयोग करें, जो एक निश्चित अवधि के लिए ऐप्स को ब्लक कर देती हैं.
नोटिफिकेशन बंद करें: सोशल मीडिया ऐप्स से आने वाले नोटिफिकेशन को बंद कर दें. लगातार आने वाली पिंग्स और अलर्ट आप को बारबार फोन चैक करने के लिए प्रेरित करते हैं. नोटिफिकेशन बंद करने से आप का ध्यान भटकने की संभावना कम हो जाती है.
ऐप्स को होमस्क्रीन से हटाएं या डिलीट करें: सोशल मीडिया ऐप्स को फोल्डर में रखें या होमस्क्रीन से हटा दें ताकि वे आसानी से दिखें नहीं.
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सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
यौन स्वास्थ्य के बारे में बातचीत धीरे धीरे सुरक्षित सैक्स से यौन सुख की ओर बढ़ रही है, पुरुषों और महिलाओं के बीच सुख असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, लोग सक्रिय रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, यौन स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता और प्रजनन क्षेत्रों में डाक्टरों और प्रभावशाली लोगों के फौलोअर्स की संख्या में पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर 50 से 100 फीसदी की वृद्धि हुई है. यहां चुनिंदा सैक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स का जिक्र किया जा रहा है.

फ्रैंड्स के साथ मूवीज ये गलतियां न करें
दोस्तों के साथ मूवी देखना काफी मजेदार होता है. ग्रुप के सभी लोग एकसाथ होते हैं, हंसी ठिठोली होती है. दोस्तों के साथ बिताया हर पल मैमोरेबल होता है. इसे और यादगार बनाने के लिए मूवी प्लान करने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए.

कंट्रोवर्सी क्वीन अपूर्वा मखीजा
अपूर्वा मखीजा हाल ही में विवादों में आई जब वह इंडियाज गौट लैटेंट में दिखाई दी. उसे फुजूल ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. लड़की होने के नाते वह ज्यादा टारगेट पर रही.

ग्रूमिंग के बाद भी लड़के क्यों लगते हैं झल्ले
लड़कों में भी स्मार्ट दिखने का क्रेज बढ़ रहा है इस के लिए वे सैलून, जिम ही नहीं बल्कि ट्रीटमैंट के लिए डाक्टरों के पास भी जाने लगे हैं. बावजूद इस के, वे लगते झल्ले ही हैं.

इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया पर अध्यात्म प्रदर्शन पड़ा भारी
हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर अचानक तब वायरल हो गई जब वह कुंभ में वीडियोज बनाने लगी. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने कुंभ को वह ग्राउंड बनाया जहां से वे अपनी रीच बढ़ा सकते थे. इसी में हर्षा का नाम भी जुड़ता है.

घुमक्कड़ी से फेमस हुईं कामिया जानी
एक रिस्पैक्टेड जौब पाना हर किसी का सपना होता है. लेकिन क्या आप ऐसी जब छोड़ कर अपने घूमने फिरने के जनून को प्रायोरिटी देंगे, इस को साबित किया है फूड एंड ट्रैवलिंग के लिए नैशनल क्रिएटर अवार्ड पाने वाली कामिया जानी ने.

क्रिकेट से ले कर फिल्मों तक बढ़ता पीआर कल्चर
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भारत में एक अलग ही ट्रैंड देखने को मिल रहा है मिनटों में डिलीवरी का, जो एक गेमचेंजर माना जा रहा है. युवा 10 मिनट की डिलीवरी के आदी हो रहे हैं. ये डिलीवरी ऐप्स उन की साइकोलौजी के साथ खेलती हैं, जिस से जरूरत न होने पर भी वे सामान खरीद रहे हैं. जानें क्या है उन की मार्केटिंग स्ट्रैटजी और कैसे लोग उन के जाल में फंसते जा रहे हैं.