मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटा कद, बड़ा रुतबा
DASTAKTIMES|February 2024
एक हिंदू नेता के रूप में योगी का बढ़ता कद, एक प्रशासक के रूप में उनकी सख्त छवि और उनका सर्वव्यापी करिश्मा 2024 के लोकसभा चुनावों में न केवल यूपी, बल्कि और राज्यों में भी भाजपा के लिए शानदार जीत सुनिश्चित करेगा। चुनाव प्रचार के लिए मोदी के बाद योगी की ही सबसे अधिक मांग होती है। यह विपक्ष के नेता भी स्वीकार करते हैं कि योगी ने उनके लिए यूपी की राह मुश्किल कर दी है। योगी 80 में 80 सीट जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं, जिससे फिर यह साबित हो जाएगा कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है।
संजय सक्सेना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटा कद, बड़ा रुतबा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नई बुलंदी हासिल कर रही है। एक तरफ विकास के काम तेजी से हो रहे हैं तो दूसरी और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जनाधार भी बढ़ता जा रहा है। आज की स्थिति में यूपी में बीजेपी को मात देना किसी भी पार्टी के लिए असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है। योगी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ का भी विश्वास बना हुआ है। योगी केन्द्र की जनहितकारी योजनाओं को मजबूती के साथ आगे बढ़ा रहे हैं तो स्वयं भी उनके द्वारा यूपी की जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। यही सब यानी मोदी की गारंटी, योगी का जादू, लाभार्थी निष्ठा, सबसे शीर्ष पर राम मंदिर निर्माण भारतीय जनता पार्टी को 2024 में लोकसभा चुनावों में सफलता का अचूक नुस्खा बन गया है। खासकर योगी ने संगठित और अन्य अपराधों पर नियंत्रण और प्रदेश को दंगामुक्त बनाया है, स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर की हैं, उससे आम जनता काफी खुश है। अब सरकारी कार्यालयों में भी काम तेजी से हो रहा है।

बात लोकसभा चुनावों की करें तो हाल ही में सम्पन्न उप-चुनावों और नगर निगम चुनावों में भाजपा के लिए व्यापक जीत का आधार ने ही तय किया था। भाजपा कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि एक हिंदू नेता के रूप में योगी आदित्यनाथ का बढ़ता कद, एक प्रशासक के रूप में उनकी सख्त छवि और उनका सर्वव्यापी करिश्मा 2024 के लोकसभा चुनावों में न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि और राज्यों में भी भाजपा के लिए शानदार जीत सुनिश्चित करेगा। चुनाव प्रचार के लिए मोदी के बाद योगी की ही सबसे अधिक मांग होती है। यह बात दबी जुबान से विपक्ष के नेता भी स्वीकार करते हैं कि योगी ने उनके लिए यूपी की राह मुश्किल कर दी है। योगी 80 में 80 सीट जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं, जिससे एक बार फिर यह साबित हो जायेगा कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है। इसके अलावा बिखरे विपक्ष ने राज्य में भाजपा के लिए चीजों को और आसान बना दिया है।

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बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
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स्वरा का जीवन एक दिलचस्प सफर है, जिसमें फिल्मी करियर, राजनीतिक सक्रियता और व्यक्तिगत जीवन की कई अहम घटनाओं ने उन्हें मीडिया और दर्शकों के बीच खास स्थान दिलाया है। 1988 में दिल्ली के एक हिन्दू परिवार में स्वरा भास्कर का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सीनियर स्कूल से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, स्वरा भास्कर ने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

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आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।

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स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।

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December 2024
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
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भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।

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December 2024
संकट में पाकिस्तानी शिया
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2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।

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December 2024
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
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आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।

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December 2024
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
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शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि

शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

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December 2024
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
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कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस

बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

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December 2024
प्रदूषण से सांसत में जान
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दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।

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December 2024
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
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पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।

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December 2024