लोकसभा में आधी सीटों पर विजयी होने के बाद हवा में उड़ रही कांग्रेस पार्टी को मात्र छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में आशा के विपरीत परिणाम ने सुन्न करके रख दिया है। कांग्रेस दो तिहाई बहुमत से नीचे सपने में भी नहीं सोच रही थी। एक नेता के समर्थक तो मुख्यमंत्री की गद्दी को अपनी गोद में लेकर सोने लगे थे। खुद 'वो नेता' भी अपना हर शब्द एक मुख्यमंत्री की तर्ज पर बोलने लगे थे। पर पासा उलटा पड़ गया और भाजपा के तत्कालीन एवं घोषित भावी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए वक्तव्य 'हमने जीत की सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं' ने कांग्रेस की सभी आशाओं एवं परिकल्पनाओं को ठेंगा दिखा कर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया।
अब हालात यह है कि अप्रत्याशित हार से चित हुई कांग्रेस लगभग एक महीना बीत जाने के बावजूद विधानसभा में विपक्ष के नेता का नाम तक तय नहीं कर पा रही है। लोग मजाक के तौर पर कहने लगे हैं कि यदि खुदा ना खस्ता उसे बहुमत मिल जाता, तो क्या वे मुख्यमंत्री का नाम तय कर लेते ? समस्या यह नहीं है कि उसके पास वांछित विधायक संख्या नहीं है, अपितु समस्या यह है कि यह फैसला लेना कमजोर हाई कमान के गले की फांस बनी हुई है। हाई कमान के बार-बार के गलत निर्णयों ने हाई कमान के पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार कर उसकी निर्णय लेने एवं नियंत्रित करने की शक्ति को लकवाग्रस्त कर दिया है और उसे प्रदेश के केवल एक ही व्यक्ति की कठपुतली बनाकर छोड़ दिया है। आखिर कौन है वह व्यक्ति, जिसके आभा मंडल के आगे हाई कमान का प्रकाश धूमिल पड़ जाता है? ऐसा कौन सा कारण है कि हाई कमान अनिर्णय की स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रही है? क्यों इतना शक्तिशाली हो गया है, यह व्यक्ति?
इन सब सवालों का जवाब ढूंढने के लिए राजनीतिक विश्लेषक 2005 के विधानसभा चुनावों में मिली प्रचंड जीत से आह्लादित कांग्रेस हाईकमान का भूपिंदर हुड्डा को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपने को शुरुआती कदम मानते हैं। इस चुनाव में, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में लड़ा गया था, कांग्रेस को 90 में से 67 सीट हासिल हुई थी। भजन लाल के बढ़ते कद से चिंतित हाईकमान ने भजन लाल के पर काटने हेतु एक ऐसे व्यक्ति, भूपिंदर हुड्डा, को गद्दी सौंप दी जिसे हाईकमान अपने इशारों के अनुरूप निर्देशित कर सके।
هذه القصة مأخوذة من طبعة November 2024 من DASTAKTIMES.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة November 2024 من DASTAKTIMES.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
अब आकांक्षा पुरी संग रोमांस करेंगे खेसारी
भोजपुरी सिनेमा के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव एक बार फिर चर्चा में हैं और इस बार उनके साथ खूबसूरत अभिनेत्री आकांक्षा पुरी हैं। दोनों की एक खास तस्वीर सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।
ऑस्ट्रेलिया में लगेगी जीत की हैट्रिक!
भारत ने आस्ट्रेलिया में पिछली दो टेस्ट सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा बना रखा है, जबकि आस्ट्रेलिया ने 2015 के शुरुआत में घरेलू सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की थी। रवि शास्त्री ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल बातचीत में कहा, जसप्रीत बुमराह फिट हैं, मोहम्मद शमी फिट हैं, आपके पास मोहम्मद सिराज भी हैं।
थम गये स्वर कोकिला के स्वर
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानियां, छठ गीत और उनकी मधुर आवाज शायद ही किसी संगीतप्रेमी के मन से जा सकती है।
बॉडीगार्ड
अपने काले चश्मे से डेविड की ओर देखकर रिकी ने कहा, शिकागो से मेरा दोस्त जॉकी रॉबिन्सन यहां आने वाला है। डेविड ने स्वीकृति में अपना सिर हिला दिया। उसने मुंह से सिगार बाहर निकालकर उसकी राख को एश ट्रे में छोड़ दिया फिर उसे अपने होठों के बीच रख लिया।
परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।
छठी मइया आईं न दुअरिया
छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।
किसमें कितना दम
राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।