हम सभी के ऐसे नायक होते हैं जिनका हम सम्मान करते हैं. चाहे-अनचाहे हम उनके कपड़े पहनने का तरीका, उनके सलीकों, बरताव आदि की नकल करना शुरू कर देते हैं. कामयाब होने की ख्वाहिश रखने या सफल लोगों की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा लेने में कुछ भी गलत नहीं है. कोई भी शख्स दूसरों को देखकर बहुत कुछ सीख सकता है ताकि वह ऐसी गलतियां न करे जो कुछ कामयाब लोगों ने की होंगी. निवेश की बात आती है, तो नए और मंजे हुए निवेशक उन दिग्गजों से बहुत कुछ सीख सकते 'से हैं जो सफल निवेशक रहे हैं.
नकलची या किसी के सहारे निवेश के बारे में सब जानते हैं. यह सफल और प्रसिद्ध निवेशकों या निवेश प्रबंधकों के निवेश विचारों को दोहराने की रणनीति है. वैसे, किसी मशहूर निवेशक की निवेश रणनीति का पालन करने से जरूरी नहीं कि हर निवेशक को कामयाबी मिले. अलबत्ता, सफल होने की संभावना जरूर बढ़ जाती है. निवेशक के तौर पर आप उन सिद्धांतों और विचारों पर ध्यान केंद्रित करना सीख सकते हैं जो किसी निवेश रणनीति को तैयार करने में काम आते हैं. आप उन्हें समझें और अपनी जरूरतों के मुतबिक ढालें.
सफलता का सूत्र तैयार करने वाले कई निवेशक भारत से बाहर दूसरे देशों के बाजारों में कामयाब हुए हैं और इनके संदर्भ अलग कालखंड के हैं. मिसाल के तौर पर, सबसे ज्यादा जिस निवेशक का संदर्भ दिया जाता है वे हैं श्रद्धेय निवेश गुरु वॉरेन बफे वे अपनी जिंदगी के ज्यादातर समय निवेशक रहे हैं और उन्होंने दशकों तक अपने निवेशों को बरकरार रखा है! साथ ही, उन्होंने कई मौके भी गंवाए हैं - जैसे टेक बूम और प्रौद्योगिकी कंपनियों में बहुत पहले निवेश करना - उन्होंने इसकी वजह बताई कि उन्हें इस कारोबार की समझ नहीं है.
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सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"