अमेठी के मुंशीगंज इलाके में मौजूद संजय गांधी अस्पताल की स्थापना से लगातार यहां 2 अक्तूबर को गांधी जयंती का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता था. रक्तदान शिविर लगते थे और मरीजों को फल वितरित किए जाते थे. लेकिन इस बार गांधी जयंती का नजारा बदला हुआ था. अस्पताल में सन्नाटा था. गेट पर ताला पड़ा था. सभी डॉक्टर-कर्मचारी मुख्य गेट के बाहर जमा थे. यहां महात्मा गांधी की फोटो पर माल्यार्पण के बाद सभी शांतिपूर्वक धरने पर बैठ गए. पिछले दो हफ्ते से अस्पताल के गेट पर धरने का क्रम जारी था.
कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला 14 सितंबर को मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन कराने आई थीं. ऑपरेशन थिएटर के अंदर बेहोशी की डोज देने के बाद दिव्या कोमा में चली गईं. हालत बिगड़ने पर परिजन दिव्या को लेकर मेदांता, लखनऊ पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. घटना से आक्रोशित परिजन और ग्रामीण 16 सितंबर की देर शाम शव लेकर सीधे मुंशीगंज अस्पताल पहुंचे और गेट पर प्रदर्शन किया. आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद अस्पताल के सीईओ व तीन चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अंशुमान सिंह की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया. शासन के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया. अस्पताल की सेवाएं पूरी तरह बंद हो गईं.
संजय गांधी अस्पताल के बंद होने से कर्मचारी- डॉक्टरों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की राह पकड़ी तो चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अवधेश शर्मा की ओर से लाइसेंस निलंबन की चुनौती याचिका हाइकोर्ट में दाखिल की गई. सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग का तर्क था कि संजय गांधी अस्पताल के पास सर्जरी करने की अनुमति नहीं है, जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान योजना में अस्पताल का पंजीकरण कर रखा है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने 4 अक्तूबर को सीएमओ अमेठी के लाइसेंस निलंबन आदेश पर रोक लगा दी. हालांकि इस मामले की जांच चलती रहेगी.
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 25, 2023 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 25, 2023 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं