नाम बदलने का क्या मतलब?
India Today Hindi|December 06, 2023
कई झुग्गी बस्तियों को सरकारी मान्यता हासिल नहीं है क्योंकि वहां रहने वाले कानूनी तौर पर पंजीकृत नहीं हैं
अर्कमय दत्त मजूमदार
नाम बदलने का क्या मतलब?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 17 अक्तूबर को कोलकाता में एक दुर्गा पूजा समारोह का उद्घाटन करने के दौरान तय किया कि अब किसी क्षेत्र को बस्ती नहीं कहा जाना चाहिए. सामान्य सामाजिक-आर्थिक अर्थों में देखें तो बांग्ला में बस्ती शब्द झुग्गियों में बसे गरीबों की पहचान के लिए इस्तेमाल होता है. उन्होंने कोलकाता के मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम को निर्देशित किया कि वे इनका नाम बदलकर बांग्ला में उत्तरण (उत्थान) कर दें. यही नहीं, सरकार ने अपने इस कदम को प्रचारित करने के लिए विज्ञापन भी निकाले. लेकिन बंगाल के शहरी इलाकों और खासकर कोलकाता की झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को जल्द ही इस पूरे उत्साह का एक भयावह पहलू पता चलादरअसल, उत्थान के नाम पर उन्हें अपने पैरों तले जमीन ही खिसकती नजर आने लगी.

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